दिल को स्वस्थ रखने के लिए बीपी और ईसीजी की नियमित जाँचजरुरी-ओमरोन हेल्थकेयर के एमडी टेटसुया यामदा
करनाल : भारत में हाई बीपी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। भारत में कम से कम चार लोगों में से एक को हाई बीपी की समस्या है। हाई बीपी से पीड़ित करीब 220 मिलियन लोगों में से केवल 12% का बीपी सही है और उनमें से केवल लगभग 5% ही डिजिटल बीपी मॉनिटर का उपयोग करते हैं। यह दर्शाता है कि अधिकतर लोग अपनी स्थिति से अनजान रहते हैं और उन्हें सही समय पर उपचार नहीं मिल पाता है।
राज्य मंत्रालय द्वारा जारी 2023 के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा में हर दिन औसतन 33 लोग दिल के दौरे से मर रहे हैं। एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि हरियाणा के पुरुषों में हाई बीपी की समस्या सबसे ज्यादा है। जबकि हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी कई महिलाएं हाई बीपी से ग्रस्त थीं। राज्य में हाई बीपी की समस्या से परेशान पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन इसे नियंत्रित करने के लिए अभी तक कोई कार्य नहीं किया गया है।
इन आंकड़ों को देखते हुए हाई बीपी की समस्या को दूर करने के लिए तुरंत किसी समाधान की आवश्यकता है। व्यायाम की कमी, अस्वस्थ आहार और तनाव का बढ़ना हाई बीपी का मुख्य काम है। लोग इस बात से भी अनजान हैं कि हाई बीपी के साथ स्ट्रोक का जोखिम 3.4 गुना अधिक है, लेकिन एफ़िब और एट्रियल फ़िब्रिलेशन (एफ़िब) के साथ यह 5 गुना अधिक है। यह एक ऐसी स्थिति है जो दिल को अनियमित और तेज़ धड़कने का कारण बनती है। इसे केवल तभी मापा जा सकता है जब कोई मरीज नियमित रूप से अपने ईसीजी की जाँच करता हो। हाल ही में ICMR के एक अध्ययन से पता चला है कि 18-54 वर्ष की आयु के 30% भारतीयों ने कभी अपना हाई बीपी नहीं मापा है।
देश में अग्रणी डिजिटल ब्लड प्रेशर मॉनिटर प्रदाता ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया ने ओमरॉन कम्प्लीट के लॉन्च के साथ हाई बीपी की निगरानी से परे अपने दायरे को बड़ा बना दिया है। इस डिवाइस किमाड से कोई भी घर से ही अपने ईसीजी और एफ़िब की जाँच कर सकता है। इसके साथ ही, कंपनी डेवेलप्ड जापानी टेक्नोलॉजी पर आधारित डॉक्टर द्वारा प्रमाणित, उपयोग में आसान होम ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग की एक विस्तृत श्रृंखला भी प्रदान करती है।
ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया के एमडी टेटसुया यामदा ने कहा, “हाई बीपी अफिब विकसित होने के प्रमुख कारकों में से एक है और अफिब स्ट्रोक और हृदय रोग का मुख्य कारण है। ओमरॉन हेल्थकेयर इंडिया अपने एआई-आधारित ईसीजी + बीपी मापने वाले उपकरण के साथ, बीपी के साथ-साथ अफिब का भी पता लगा सकता है, जिससे ग्राहक आसानी से रोजाना अपने बीपी और ईसीजी की जाँच करके सही समय पर इसे चिकित्सकों के साथ साझा कर सकता हैं। इससे उन्हें हृदय की स्थितियों का जल्द पता लगाने और प्रबंधन की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करके सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।” ( (युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट)
Discover more from News On Radar India
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Comments are closed.