हरियाणा में अब अफसर मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे..
पानी विवाद के बीच केंद्र ने सख्ती की, पंजाब सहित चार राज्यों के सचिव तलब…
चंडीगढ़ : हरियाणा में पानी के बढ़ते विवाद के बीच राज्य सरकार ने बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने हेडक्वार्टर न छोड़ने का निर्देश जारी किया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा के बीच जल वितरण को लेकर लगातार तनाव बना हुआ है। केंद्र सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए चारों राज्यों के जल संसाधन सचिवों को दिल्ली तलब कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में यमुना जल वितरण को लेकर कई जिलों में विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी देखने को मिली है। हरियाणा में पानी की आपूर्ति को लेकर ग्रामीण और शहरी इलाकों में संकट की स्थिति बन गई है। इसी के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है कि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी अपने मुख्यालय से बाहर नहीं जाएगा ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
राज्य सरकार ने सभी डीसी, एसडीएम और जल विभाग के अधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं कि वे अपने मुख्यालय पर ही उपलब्ध रहें और किसी भी स्थिति में छुट्टी या स्थानांतरण की अनुमति बिना उच्च स्तर की मंजूरी के नहीं दी जाएगी। सरकार का मानना है कि आने वाले दिनों में पानी की मांग और आपूर्ति को लेकर हालात और चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
केंद्र सरकार ने भी इस पूरे विवाद को संज्ञान में लेते हुए एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें चार राज्यों के संबंधित सचिवों से जल वितरण की मौजूदा स्थिति, आंकड़े और समाधान प्रस्ताव मांगे गए हैं। इस बैठक में राष्ट्रीय जल आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले जल संकट एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। हरियाणा और पंजाब के बीच पहले से चल रहे सतलुज-यमुना लिंक (SYL) विवाद की पृष्ठभूमि में यह निर्णय और भी अहम हो जाता है।
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