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सत्संग और पुरुषार्थ दोनों मनुष्य जीवन के दिव्य आभूषण हैं: कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री

सद्गुरु तुम्हारे प्यार ने जीना सीख दिया, भजन पर श्रद्धालु हुए भाव विभोर

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चंडीगढ़:: सत्संग और पुरुषार्थ यह दोनों मनुष्य जीवन के दिव्य आभूषण हैं। सत्संग से चित्त की शुद्धि और पुरुषार्थ से लोक परलोक का मंगल होता है। यह प्रवचन सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा में ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की 37वीं पुण्य बरसी समारोह के उपलक्ष्य पर पठानकोट से आए कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को दूसरे दिन सत्संग में कहे।

कथा से पूर्व ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज जी का पूजन विधि विधान के साथ किया गया। इस दौरान सभा के प्रधान दलीप चन्द गुप्ता उपप्रधान ओ.पी पाहवा, महासचिव एसआर कश्यप, सांस्कृतिक सचिव पं. दीप भारद्वाज, संयुक्त सचिव जगदीश सरीन, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा तथा कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र गुप्ता, ऑडिटर नरेश महाजन, हंस राज नंदवानी, ओम प्रकाश गुप्ता, आदर्श बवेजा उपस्थित थे।

कथा व्यास अतुल कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को बताया कि दीन दुखी की सेवा नर में नारायण की भावना रखते हुए प्रत्येक जीव के प्रति सद्भाव रखते हुए जीवन का कल्याण मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संत सद्गुरु के श्रीचरणों में अनन्यता का भाव रखते हुए उनके वचनों पर श्रद्धा रखना और संतवाणी को जीवन में आत्मसात करना ही विवेकी जीव लक्षण है।

इस अवसर पर कथा व्यास द्वारा मधुर भजन गाए गए, जिसपर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। उन्होंने भजनों में सद्गुरु तुम्हारे प्यार ने जीना सीख दिया; इक अर्ज मेरी सुनलो सरकार हे कन्हैया; मेरो श्री वृंदावन, जैसे कई मुधर भजन गाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रधान दलीप चन्द गुप्ता ने बताया कि 4 जुलाई को श्री महावीर मंदिर से प्रातः 6 बजे प्रभात फेरी निकली जाएगी जिसके बाद प्रातः 9 बजे हवन और 12 बजे देश के विभिन्न राज्यों से संभावित सैकड़ों आमंत्रित संत महात्माओं का पूजन के बाद विशाल अन्न भंडारा वितरित किया जायेगा।   (रौशन लाल शर्मा की रिपोर्ट)

 


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