पंजाब यूनिवर्सिटी लॉ प्रवेश परीक्षा पर अनियमितताओं पर छात्रों द्वारा हंगामा
विश्वविद्यालय प्रशासन पर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता न होने के आरोप लग रहे हैं।
चंडीगढ़ – पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ में पांच साल के एलएलबी कोर्स में प्रवेश के लिए हाल ही में आयोजित लॉ एडमिशन टेस्ट PUCET- Law पर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं, जिससे विवाद खड़ा हो गया है।
हजारों छात्र इस परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन परीक्षा के पैटर्न और कठिनाई स्तर को लेकर कई सवाल उठे हैं। सूत्रों के अनुसार, परीक्षा में कानूनी योग्यता (Legal Aptitude) के सेक्शन में 50 सवाल पूछे गए, जबकि विश्वविद्यालय की प्रॉस्पेक्टस में केवल 20 सवाल ही इस सेक्शन से होने की बात कही गई थी।
इसके अलावा, कई सवाल पोस्टग्रेजुएट स्तर के थे और कुछ खास कानूनों के उप-धाराओं जैसे हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 13(1A)(i) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) में गंभीर चोट के अपराध की धारा से जुड़े थे।
परीक्षा में कृष्णा ज्यूडिशियरी कोचिंग के छात्रों के प्रति पक्षपात की भी शिकायतें सामने आई हैं। इस कोचिंग संस्थान के छात्र परीक्षा के बाद बहुत खुश नजर आए, जबकि अन्य कोचिंग संस्थानों के छात्र निराश और परेशान थे।
जांच में पता चला है कि कृष्णा ज्यूडिशियरी कोचिंग के निदेशक का पंजाब यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ प्रोफेसरों से घनिष्ठ संबंध है और कई उच्च न्यायालय के जज भी इस कोचिंग में लेक्चर देते हैं। इससे परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। खास बात यह है कि यह कोचिंग संस्थान पहले भी हरियाणा और पंजाब में न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में पेपर लीक और अनियमितताओं के मामलों में जांच के दायरे में रहा है। इससे यह शक पैदा होता है कि इतने सारे टॉपर्स एक ही कोचिंग से कैसे आते हैं।
जब पंजाब यूनिवर्सिटी के लॉ विभाग के शिक्षकों से मुस्लिम कानून से जुड़े सवालों के बारे में पूछा गया, तो वे जवाब देने में असमर्थ रहे, जिससे विवाद और बढ़ गया।
इस घटना से छात्रों और शिक्षकों में गुस्सा फैल गया है और वे इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन पर परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता न होने के आरोप लग रहे हैं।
यह विवाद कोचिंग संस्थानों की भूमिका और उनके परीक्षा प्रक्रिया पर संभावित प्रभाव पर भी सवाल खड़े करता है।
मामला अभी भी जारी है और छात्र तथा शिक्षक विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मामले पर जवाब और भविष्य में परीक्षा के सही संचालन की उम्मीद कर रहे हैं।
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