यूपी-हरियाणा भूमि विवाद: HC ने SGI को यमुना के बदलते स्वरूप की जांच के दिए निर्देश
1984 के समझौते का रिकॉर्ड नहीं हुआ था अपडेट, हाईकोर्ट ने विवाद निपटाने के लिए मांगी विस्तृत रिपोर्ट…
Chandigarh : यूपी और हरियाणा के बीच लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद पर हाईकोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (SGI) को यमुना नदी के बदलते स्वरूप की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि जल धारा के प्राकृतिक बदलावों के कारण दोनों राज्यों के बीच सीमा को लेकर विवाद बढ़ गया है, जिसे हल करने के लिए वैज्ञानिक और ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित रिपोर्ट जरूरी है।
इस भूमि विवाद की जड़ 1984 में हुए समझौते से जुड़ी है, जिसका आधिकारिक रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया था। इस वजह से दोनों राज्यों के प्रशासन अलग-अलग दावे कर रहे हैं। यूपी और हरियाणा के बीच सीमा निर्धारण को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के कारण कई इलाकों में लगातार टकराव की स्थिति बनी हुई है।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मामले को हल करने के लिए सटीक डेटा और भौगोलिक अध्ययन जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए SGI को जांच करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की सुनवाई होगी और फैसला लिया जाएगा कि दोनों राज्यों की सीमाएं किस आधार पर तय की जाएं।
यमुना नदी के प्रवाह में समय-समय पर हुए बदलावों ने इस विवाद को और जटिल बना दिया है। सरकार और प्रशासन पर अब दबाव बढ़ गया है कि वे इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाएं। इस मामले में अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपे जाने की संभावना है, जिससे इस विवाद का स्थायी समाधान निकल सके।
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