टेलीमेडिसिन से घटेगा PGI का मरीज दबाव..
ई-संजीवनी ऐप से 70% मरीजों का फॉलोअप, OPD में भीड़ होगी कम…
चंडीगढ़ : के प्रतिष्ठित पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में अब मरीजों का दबाव काफी हद तक कम होने जा रहा है। संस्थान ने टेलीमेडिसिन सेवाओं को और सशक्त बनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत करीब 70 प्रतिशत मरीजों का फॉलोअप अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘ई-संजीवनी’ ऐप के माध्यम से किया जाएगा। इस कदम से अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगने वाली भीड़ में काफी कमी आने की संभावना है। PGI प्रशासन का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे मरीज होते हैं जिन्हें केवल फॉलोअप चेकअप के लिए अस्पताल आना पड़ता है, जबकि उनकी स्वास्थ्य स्थितियों को डॉक्टर वीडियो कॉल या वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर देखकर भी आसानी से जांच सकते हैं। ऐसे मरीजों के लिए अब अनिवार्य नहीं होगा कि वे हर बार अस्पताल आएं बल्कि वे घर बैठे ही विशेषज्ञों से सलाह ले सकेंगे।
ई-संजीवनी ऐप पहले से ही देशभर में टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए उपयोग किया जा रहा है और अब PGI ने इसे अपने सिस्टम में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया है। इससे न केवल मरीजों का समय और यात्रा व्यय बचेगा बल्कि डॉक्टर भी गंभीर मामलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। PGI प्रबंधन ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि वे मरीजों को वर्चुअल फॉलोअप के लिए प्रेरित करें। इसके अलावा, मरीजों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वे कैसे इस ऐप का उपयोग कर सकते हैं। अस्पताल के आईटी विभाग द्वारा इसके लिए विशेष वर्कशॉप और हेल्पडेस्क की व्यवस्था भी की गई है।
डॉक्टरों का मानना है कि टेलीमेडिसिन के जरिए कई बीमारियों का प्रबंधन करना आसान हो जाएगा और जिन मरीजों को केवल दवाइयों में बदलाव या सामान्य सलाह की जरूरत है, वे घर से ही यह सेवा प्राप्त कर सकेंगे। वहीं दूसरी ओर, गंभीर या आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों को ही अस्पताल आने की सलाह दी जाएगी। इससे ओपीडी का दबाव कम होगा और डॉक्टरों के पास गंभीर मरीजों को ज्यादा समय देने का अवसर भी रहेगा। PGI के इस निर्णय को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो भविष्य में देश के अन्य बड़े अस्पतालों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है।
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