हरियाणा सरकार का बड़ा कदम: ग्रैप से प्रभावित मजदूरों को मिलेगी आर्थिक मदद
एनसीआर के करीब दो लाख मजदूरों के खाते में डाले जाएंगे निर्वाह भत्ता, 65 करोड़ रुपये का होगा खर्च
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के कारण आजीविका से वंचित हुए मजदूरों को आर्थिक राहत देने का बड़ा फैसला लिया है। प्रदूषण नियंत्रण के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध से प्रभावित करीब दो लाख पंजीकृत मजदूरों को साप्ताहिक निर्वाह भत्ता दिया जाएगा।
क्या है सरकार का प्लान:
- निर्वाह भत्ता सीधे बैंक खातों में:
कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि मजदूरों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भत्ता सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाएगा। - 65 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च:
इस राहत योजना पर राज्य सरकार करीब 65 करोड़ रुपये खर्च करेगी। - श्रम विभाग को निर्देश:
श्रम विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि यह योजना जल्द से जल्द लागू हो और मजदूरों को समय पर सहायता पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश:
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर के राज्यों को मजदूरों की आर्थिक मदद का आदेश दिया था। हरियाणा सरकार ने तत्परता दिखाते हुए इस योजना को लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है।
ग्रैप-4 का असर:
- प्रदूषण स्तर के बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रैप-4 के तहत निर्माण कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।
- इस प्रतिबंध के कारण बड़ी संख्या में मजदूरों की आजीविका प्रभावित हुई, जिससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया।
सरकार का उद्देश्य:
अनिल विज ने कहा, “यह सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रभावित मजदूरों तक मदद पहुंचे और उनकी जरूरतों को पूरा किया जा सके।”
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