हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की सूची मांगी गई
राज्य सरकार ने चालक-परिचालकों की पूरी डिटेल तलब की, विभागों में हलचल
हरियाणा : सरकार ने राज्य के सभी रोडवेज डिपो से उनके अधीन कार्यरत चालक और परिचालकों की विस्तृत सूची मांगी है। इस निर्देश के जारी होते ही विभाग में हलचल मच गई है और कर्मचारी संगठनों में भी चर्चा का विषय बन गया है। बताया जा रहा है कि सरकार इस डेटा के आधार पर रोडवेज विभाग के ढांचे का पुनर्गठन करने की योजना पर काम कर रही है, ताकि संसाधनों का अधिक कुशल और पारदर्शी तरीके से उपयोग हो सके।
सूत्रों के अनुसार, परिवहन विभाग द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि हर डिपो को तय समय सीमा के भीतर अपने अधीनस्थ चालकों और परिचालकों की पूरी जानकारी — नाम, कर्मचारी कोड, नियुक्ति तिथि, सेवा की वर्तमान स्थिति और वर्तमान पोस्टिंग सहित — मुख्यालय को भेजनी होगी। विभाग का मानना है कि इस सूची के जरिए न केवल स्टाफ की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सकेगा, बल्कि इससे आगामी भर्ती और स्थानांतरण प्रक्रियाओं को भी पारदर्शी बनाया जा सकेगा।
इस कदम को लेकर कर्मचारी संगठनों की ओर से मिश्रित प्रतिक्रिया आई है। कुछ नेताओं का मानना है कि सरकार यह तैयारी किसी बड़े फेरबदल या संभावित निजीकरण की ओर इशारा कर सकती है, जबकि कुछ का कहना है कि यह केवल प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक सामान्य प्रक्रिया है। हालांकि विभाग की ओर से अभी तक इस पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि सूची मांगे जाने का मुख्य उद्देश्य क्या है।
हाल ही में सरकार ने रोडवेज संचालन को लेकर कुछ नए निर्णय लिए हैं, जिसमें किराया बढ़ोतरी, रूट रेशनलाइजेशन और इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत जैसे कदम शामिल हैं। ऐसे में यह सूची भविष्य की नीति निर्धारण में मददगार साबित हो सकती है।
इस सूची की मांग को एक प्रशासनिक समीक्षा के रूप में भी देखा जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारियों का विवरण रिकॉर्ड में सही और अद्यतन है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जो भी डिपो समय पर सूची उपलब्ध नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
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