हरियाणा में पानी संकट पर ऑल पार्टी बैठक..
सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में, 9 जिलों में गहराया जल संकट…
चंडीगढ़ : हरियाणा में पानी संकट को लेकर हालात गंभीर होते जा रहे हैं। इसी को देखते हुए आज राज्य की राजधानी चंडीगढ़ में एक ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई गई है। यह बैठक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हो रही है, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। बैठक का मकसद यह है कि जल संकट पर एक सामूहिक और सर्वदलीय समाधान निकाला जा सके।
राज्य सरकार की ओर से यह भी जानकारी सामने आई है कि वह अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कानूनी विशेषज्ञों की मदद से एक ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। सरकार का दावा है कि पड़ोसी राज्यों से हरियाणा को मिलने वाले जल हिस्से में कटौती की जा रही है, जिससे राज्य के कई हिस्सों में पानी की गंभीर कमी उत्पन्न हो गई है।
राज्य के 9 जिले पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। इनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और नारनौल प्रमुख हैं। इन जिलों में नहरी जल आपूर्ति प्रभावित है, जिससे किसानों को सिंचाई में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा पीने के पानी की भी भारी किल्लत हो गई है।
जल संकट को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने सरकार की जल नीति पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि हरियाणा के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार से भी हस्तक्षेप कराया जाए। बैठक में सभी दलों ने एकजुटता दिखाने का भरोसा दिया है, ताकि राज्यवासियों को इस संकट से राहत मिल सके।
इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के बजाय जनहित के रूप में देखा जा रहा है। सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, यदि कानूनी रास्ते से समाधान नहीं निकलता है तो आंदोलन का विकल्प भी खुला रखा जाएगा। ऐसे में आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति का केंद्र जल संकट बना रहेगा।
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