नई दिल्ली- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर भारत में एक जबरदस्त रोष देखा जा रहा है, क्या मोदी सरकार ने जीती हुई बाज़ी हार दी है? क्या भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद सीजफायर पर सहमति बनी या किसी ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कराई है? लेकिन भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया | इससे कुछ ही पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वांस ने साफ़ कहा था कि उनके देश का इस लड़ाई में कोई पक्ष या रोल नहीं है।
शनिवार 10 मई शाम 5 बजे जैसे ही भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम की घोषणा हुई, अधिकतर देशवासी हैरान थे। कारण, वे विजय की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। तीन दिन में युद्धविराम तो तीन घंटे की फिल्म जैसा लगा। देश को जहां पाकिस्तान पर भरोसा नहीं; वहीं अपने प्रधान मंत्री मोदी सरकार से युद्धविराम की कत्तई उम्मीद न थी।
यह सब जानते हैं, भारतीय एयर फोर्स और सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकवादियों के ठिकाने और 8 सैंनिक हवाई अड्डे तबाह कर दिए, हमारा S- 400 सिस्टम अपनी आंतरिक रक्षा कर रहा था – तो समझौता क्यों?
क्या विश्व नेतृत्व पाकिस्तान की एटॉमिक पॉवर धमकी से डर गया?
राष्ट्रपति ट्रंप के रविवार के बयानों से लगता है, अमेरिका तो जैसे पाकिस्तान, तुर्की और चीन की तिकड़ी से ज्यादा डर गया, जितना भारत नहीं डरा। क्योंकि भारत ने Doctrine of Atomic Power Use पहले ही बदल दिया है।
भारत ने यह साफ कर दिया था कि पाकिस्तान ने फोन कर भारत से सीजफायर की गुजारिश की थी। अब समाचार एजेंसी एएनआई ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट से हवाले से दावा किया है कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच बातचीत हुई, जिसमें पीएम ने वेंस को दो टूक शब्दों में भारत का स्टैंड समझा दिया। पीएम मोदी ने जेडी वेंस से कहा कि ‘अगर पाकिस्तान कुछ करता है, तो इस बार जवाब और भी विनाशकारी और सख्त होगा।’ पीएम ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला चलेगा। सूत्रों के हवाले से ये भी दावा किया गया है कि दोनों देशों के एनएसए और विदेश मंत्रियों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। केवल पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजी एमओ से बात की थी।
भारत का जवाब पहले से कहीं ज्यादा तेज और खतरनाक होगा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से साफ तौर पर कहा था कि अगर पाकिस्तान कोई हरकत करता है, तो भारत का जवाब पहले से कहीं ज्यादा तेज और खतरनाक होगा। बताया जा रहा है कि उसी रात पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 26 ठिकानों पर हमला किया, जिसका भारत ने बेहद जोरदार जवाब दिया। ये जानकारी भी न्यूयॉर्क टाइम्स के सूत्रों से समाचार एजेंसी एएनआई ने दी है। जेडी वेंस उस वक्त भारत में ही थे, जब 22 अप्रैल को पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ था।
क्या भारत पाकिस्तान में दूरगामी शांति संभव है? हर देशवासी चाहता है कि देश प्रगति करे लेकिन अपनी शर्तों पर और अपने सिद्धांतों के अनुसार। यही सब सभ्य देशों का लक्ष्य होना चाहिए ! लेकिन युद्धविराम के कुछ ही घंटों में पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा बॉर्डर के साथ लगे शहरों और गांवों पर गोले दागे गए जो दूरगामी शांति को एक छलावा और मृग तृष्णा जताता है।
सीनियर कांग्रेस नेता और भूतपूर्व सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने राष्ट्रपति ट्रंप के असंगत बयानों चिन्हित भी किया है| ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अचानक विराम पर विपक्ष ने एकाएक घर्ष विराम पर और सरकार के दावों पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की है l सरकार को देशवासियों और विपक्ष को भरोसा दिलाना होगा कि संकेत स्पष्ट है, : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बहुत से लक्ष्य अभी स्थगित किए गए हैं, त्यागे नहीं हैं। — संपादक
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