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गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब, गांव रायपुर के अस्तित्व और शांति भंग होने का खतरा

लोकल प्रशासन की मिलीभगत से गुरुद्वारा की बाउंड्री के पास गोलाबारी मशीनें लगाई गई, सेवादारों ने कब्जा वापस पाने के लिए सरकार से मदद मांगी

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मोहाली : आज मोहाली प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब, गांव रायपुर  (जिला मलेरकोटला)  के मुख्य सेवादार संत बाबा हरि सिंह पिछले 60 वर्षों से स्थापित गुरुद्वारा को गोलीबारी के खोल और धूल, मिट्टी से शांति भंग होने का खतरा हो गया है, प्रशासन की शह पर सीमा के भीतर स्थापित किया गया शैलर  है | जिससे  गुरुद्वारा साहिब के अस्तित्व और धूल, मिट्टी से शांति भंग होने का खतरा  हो गया है |

वैसे  पंजाब सरकार द्वारा राज्य में अवैध कब्जों को हटाने का अभियान पिछले तीन वर्षों से जारी है, लेकिन प्रभावशाली लोग अभी भी सरकारी दावों की धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण गांव रायपुर, तहसील अमरगढ़, में स्थित गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब है। यहां प्रशासनिक अधिकारियों ने एक व्यापारी को खुश करने के लिए गुरुद्वारा साहिब की बाउंड्री के पास गोलाबारी मशीन लगा दी है। खोल से उड़ने वाली धूल व गंदगी न केवल गुरुद्वारा साहिब के बाहर बल्कि भवन के अंदर गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी तक भी पहुंचती है, जिसके कारण सेवादार पूरा दिन गुरुद्वारा साहिब की सफाई व पवित्रता बनाए रखने में बिताते हैं।

गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब, गांव रायपुर के मुख्य सेवादार संत बाबा हरि सिंह जी (आयु 68) व लंगर इंचार्ज बाबा पंजाब सिंह ने बताया कि 1964 के आसपास स्थापित इस गुरुद्वारा साहिब की सेवाओं की देखभाल के लिए गांव की पंचायत ने उन्हें 40 वर्ष पहले मुख्य सेवादार नियुक्त किया था। उन्होंने ही समय-समय पर स्थानीय संगत के सहयोग से गुरुद्वारा साहिब की सुंदर इमारत का विस्तार किया है तथा यहां पर संगरांद, पंचमी व गुरुपर्व के पावन दिन सभी संगत द्वारा श्रद्धापूर्वक मनाए जाते हैं।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 2023 में राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खेतों में बने गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब के ठीक सामने सड़क पर अवैध रूप से शैलर लगा दिया गया, जिस कारण शैलर से निकलने वाली सारी पराली व मिट्टी अंदर आ रही है, जिससे गुरुद्वारा साहिब की पवित्रता नष्ट हो रही है, क्योंकि गुरुद्वारा साहिब पर कोई चारदीवारी नहीं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार किसी भी धार्मिक स्थल के नजदीक 500 मीटर के दायरे में कोई भी शैलर/फैक्ट्री लगाना जायज नहीं है। उन्होंने कहा कि आरटीआई वेबसाइट के माध्यम से इस संबंध में प्राप्त जानकारी में भी 500 मीटर की दूरी के भीतर किसी भी शैलर/फैक्ट्री स्थापित करने पर रोक लगाई गई है। संत बाबा हरि सिंह जी ने कहा कि संगत के विरोध के बावजूद संबंधित विभागों और उच्च अधिकारियों ने इस मामले की फाइल को दबाना जरूरी समझा और धनी व्यक्तियों को अवैध रूप से शैलर बनाने की अनुमति दे दी।
गुरुद्वारा साहिब के नाम पर करीब 12 बीघा 10 विस्वा जमीन बताई जाती है और गुरुद्वारा साहिब करीब आधा बीघा जमीन पर बना हुआ है। जबकि गांव की पंचायत संबंधित बीडीपीओ व पंचायत सचिव की सहमति से करीब 40 वर्षों से 12 बीघा जमीन पट्टे पर देती आ रही है और पट्टे की बकाया राशि भी वे स्वयं ही वसूलते हैं, जबकि इस दौरान गुरुद्वारा साहिब को कोई पैसा नहीं दिया गया।
संत बाबा हरि सिंह जी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और कैबिनेट मंत्री राजस्व विभाग से मांग की है कि अवैध रूप से चल रहे शैलरों को तुरंत न्याय प्रदान किया जाए और उन्हें बंद किया जाए तथा शैलर स्थापित करने की अनुमति देने वाले संबंधित उच्च अधिकारियों के खिलाफ भी उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने पंचायत मंत्री से गुरुद्वारा साहिब की पंचायत द्वारा कब्जाई गई 12 बीघा जमीन को छुड़वाकर गुरुद्वारा साहिब को देने तथा पिछले 40 वर्षों का बनता मुआवजा तुरंत देने की भी मांग की।
इलाके से संबंधित  एसडीएम सुरिंदर कौर का क्या कहना है: इस मामले संबंधी जब एसडीएम अमरगढ़ सब-डिवीजन, सुरिंदर कौर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि करीब एक साल पहले यह शिकायत उनके पास आई थी और उन्होंने कार्रवाई करते हुए स्थानीय पटवारी को साथ लेकर जमीन की पैमाइश करवाई तो पता चला कि शैलर 500 मीटर के दायरे में स्थित है। उन्होंने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर डीसी मलेरकोटला को भेज दी है। (मुख्य सेवक संत बाबा हरि सिंह M: 84378-82235)


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