हरियाणा की हवा जहरीली, सिस्टम फेल
29 निगरानी स्टेशन बंद, टेंडर रिन्यू न होने से एक्यूआई नेटवर्क ठप….
हरियाणा : की हवा कितनी जहरीली हो चुकी है, इसका कोई सटीक आंकड़ा फिलहाल किसी के पास नहीं है। वजह है राज्य में 29 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग (AQI) स्टेशनों का ठप होना। ये सभी निगरानी स्टेशन फिलहाल बंद हैं क्योंकि इनका टेंडर रिन्यू नहीं हो पाया। प्रदूषण के बढ़ते स्तर को मापने के लिए जो सिस्टम तैयार किया गया था, वह अब पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है।
हरियाणा में दिवाली के बाद से लेकर सर्दियों तक वायु गुणवत्ता की स्थिति बेहद खराब हो जाती है। बीते साल के आंकड़ों की बात करें तो गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, रोहतक, जींद, रेवाड़ी, झज्जर, सोनीपत, बहादुरगढ़, सिरसा और फतेहाबाद जैसे जिलों में औसत AQI 350 के पार दर्ज किया गया था, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इन इलाकों में सांस की बीमारियां, अस्थमा और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं।
लेकिन चिंता की बात यह है कि अब इन हालात पर नजर रखने वाला सिस्टम ही मौन है। राज्य सरकार की लापरवाही से टेंडर की प्रक्रिया अधूरी रह गई और परिणामस्वरूप 29 AQI निगरानी स्टेशन बंद हो गए। इस वजह से ना केवल आम जनता बल्कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी हवा की गुणवत्ता का अंदाजा नहीं लग पा रहा है।
पर्यावरणविदों का कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता नहीं देगी, तब तक हालात सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। एयर क्वालिटी डेटा के बिना न तो प्रदूषण नियंत्रण की सही योजना बनाई जा सकती है और न ही जिम्मेदार एजेंसियों को सटीक कार्रवाई के लिए मजबूर किया जा सकता है।
राज्य में बढ़ते शहरीकरण, वाहन प्रदूषण और निर्माण कार्यों के कारण हवा की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। लेकिन जब डेटा ही उपलब्ध नहीं है, तो जनता को भी खतरे का एहसास नहीं हो पाता। विशेषज्ञों ने जल्द से जल्द निगरानी स्टेशनों को दोबारा सक्रिय करने की मांग की है। वहीं, प्रशासन की चुप्पी पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और इसे जनहित से जुड़ा गंभीर मुद्दा बताया है।
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