जब पीएम मोदी ने पूछा– विदेश वाले भारतीयों को कैसे देखते हैं?
शुभांशु शुक्ला का जवाब सुनकर हर भारतीय गर्व से भर गया.....
नई दिल्ली — अंतरिक्ष से लौटे भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जिसमें उन्होंने विदेशों में भारत और भारतीयों की छवि के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। विदेशों में भारत की छवि कैसी है, इस सवाल का जवाब देते हुए शुभांशु ने बताया कि पिछले एक साल में उन्होंने जहां-जहां भी यात्रा की, हर जगह लोग भारत के अंतरिक्ष मिशनों को लेकर उत्साहित और खुश नजर आए। लोगों ने उनसे पूछा कि भारत स्पेस के क्षेत्र में क्या कर रहा है और खासकर मिशन गगनयान को लेकर भारी उत्साह दिखाया।
शुभांशु ने इस मुलाकात के दौरान अंतरिक्ष यात्रा की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष स्टेशन पर खाने की व्यवस्था एक बड़ी समस्या है क्योंकि सीमित जगह और महंगे कार्गो के कारण कम से कम जगह में ज्यादा कैलोरी और पोषक तत्व पैक करना पड़ता है। साथ ही, ग्रेविटी की कमी के कारण शरीर में कई बदलाव आते हैं, जैसे दिल की धड़कन धीमी होना। अंतरिक्ष में कुछ दिनों बाद शरीर एडजस्ट हो जाता है, लेकिन पृथ्वी पर लौटने पर चलना भी मुश्किल हो जाता है। शुभांशु ने बताया कि वे बिल्कुल स्वस्थ थे, लेकिन जैसे ही वापस पृथ्वी पर आए, उन्हें गिरने से डॉक्टरों ने संभाला। उनके अनुसार, मांसपेशियों में ताकत तो होती है, लेकिन दिमाग नए माहौल को समझने में असंतुलित हो जाता है, जिसके लिए ट्रेनिंग जरूरी होती है।
यह मुलाकात यह दर्शाती है कि भारत अब केवल एक देश नहीं, बल्कि एक उभरती हुई अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में पूरी दुनिया में पहचान बना रहा है। शुभांशु शुक्ला के अनुभवों से यह भी पता चलता है कि भारतीय वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री देश की गौरव गाथा लिख रहे हैं और दुनिया में भारत की छवि को नई ऊँचाइयों पर ले जा रहे हैं।
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