मई दिवस पर सैकड़ों डायरेक्ट कांट्रैक्ट ‘ग्रुप डी’ कर्मचारियों ने चंडीगढ प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
चंडीगढ़:-मजदूर दिवस के दिन हजारों ” ग्रुप डी” के डायरेक्ट डीसी रेट / आउटसोर्सिंग व मिड डे मील कर्मचारियों ने मस्जिद ग्राउंड सैक्टर 20, चंडीगढ़ में अपनी मांगों के प्रति शासन व प्रशासन को चेताने व जगाने का प्रयास करते हुए जोरदार रोष प्रदर्शन किया। जिसमें (जेटीए) के प्रधान रणबीर जोरार, अरविंद राणा , अजय शर्मा , डा. रमेश शर्मा, संजय दून, सर्वण, एडोकेट भूपेनदर सिंह गिल, ओम कैलास, राज कुमार , जनार्दन और अन्य ने मजदूर दिवस पर रोष प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
“क्लास फोर ईमपलाॅइज यूनियन एजुकेशन डिपार्टमैंट के प्रधान अन्नु कुमार और महासचिव जोनी ने कहा कि का शिक्षा विभाग व चंडीगढ प्रशासन की कमियों का खामियाजा डायरेक्ट कांट्रैक्ट “ग्रुप डी” के डीसी रेट कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की गलत नीतियों के कारण व चंडीगढ प्रशासन की इच्छाशक्ति की कमी से सैकड़ों डायरेक्ट कांट्रैक्ट “ग्रुप डी” कर्मचारी पिछले 15, वर्षो से मजदूरी वेजिज पर नौकरी करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। अनु कुमार ने कहा कि कच्चे कर्मचारियों के बेनिफिट पर अफसरशाही हावी हो रही है।
जोनी ने बताया कि CLRA अधिनियम 1970 के श्रम कानून में खंड 25 (2) (v) के अनुसार समान काम के लिए समान वेतन दिया जाना चाहिए जिसकी मांग ” ग्रुप डी” के डीसी रेट कर्मचारी पिछले 10, वर्षो से कर है ।
जोकि OM No . 14 (113 ) Misc . RLC ( Co – ord )/ 2012 दिनांक 23-1-2013 चीफ कमिश्नर ऑफ लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट, भारत सरकार द्वारा भी निर्देश जारी किए गए हैं । आज़ादी के 75, वर्षो बाद भी ” ग्रुप डी ” कामगारों को ठेकेदारी प्रथा की कैंसर जैसी घातक बिमारी की अधेंरी सुरंग में धकेल दिया जा रहा है । (रोशन लाल की रिपोर्ट)
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