मै सांसद बनू या ना बनू परन्तु चंडीगढ़ वासियों के हर सुख दुःख में साथ खड़ा रहूंगा: महन्त रविकान्त मुनि उदासी       - News On Radar India
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मै सांसद बनू या ना बनू परन्तु चंडीगढ़ वासियों के हर सुख दुःख में साथ खड़ा रहूंगा: महन्त रविकान्त मुनि उदासी      

.........यह एक साधु का वचन है"

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चण्डीगढ़ : यहाँ  की संसदीय सीट से राजनीतिक दल ‘पोरस दा पंजाब’ की ओर से चुनाव मैदान में उतरे महन्त  रवि कान्त मुनि उदासी ने आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि चंडीगढ़ माता चंडी की नगरी है। इस संसार मे अकारण कुछ नही होता, यदि माता चण्डिका ने हमें यहाँ बुलाया है तो इसका कुछ ना कुछ कारण जरूर होगा।  महन्त  रवि कान्त मुनि उदासी, जो मन्दिर तालाब, पटियाला के पीठाधीश व हिन्दू वेल्फेयर बोर्ड के चेयरमैन भी हैं, ने बताया कि उनके प्रमुख मुद्दों में गोहत्या पर पाबंदी का राष्ट्रीय कानून बनाना, हिन्दू मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करके हिन्दू समाज को अपने मन्दिरों के प्रबंध का अधिकार देना, पंजाब के आतंकवाद पीड़ित पंजाबी हिन्दुओं को 84 के दंगा पीड़ितों की तर्ज पर मुआवजा और इंसाफ देना, पंजाब में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देना, झेलम नदी से लेकर दिल्ली तक अविभाजित पंजाब राजा पोरस का राज्यक्षेत्र है, इसलिए यहां राजा पोरस के सम्मान को बहाल करना आदि मुख्य हैं।
उन्होंने कहा कि इन जायज मुद्दों को उन्होंने  लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों के आगे रखा, परन्तु पंजाबी हिन्दुओ के जायज विषयों को किसी ने कोई महत्व नही दिया। पंजाब-हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ है और दोनों राज्यों की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका भी यही मौजूद हैं। आपके बीच हमारी बात रखने के लिए चंडीगढ़ लोकसभा सीट से वे  चुनाव में उतरे हैं और चुनाव आयोग की तरफ से उन्हें चुनाव चिन्ह लेटरबक्स अलॉट हुआ है।  उन्होंने कहा कि वे जीतने के बाद उक्त मुद्दों को संसद में उठाएंगे और साथ ही चण्डीगढ़ माता चण्डी  की नगरी है इसलिए इस शहर को  माता चण्डी की नगरी के रूप में विकसित करेंगें। उन्होंने कहा कि वह तो सबका भला मांगने वाले साधु है उनका ध्येय है कि चंडीगढ़ में कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोये, हर व्यक्ति का अपना घर हो, कोई भी इलाज के अभाव में ना मरे, हर बच्चे की शिक्षा बिना किसी रुकावट के पूरी हो, कोई भी युवा बेरोजगार ना हो, हमारी माताएं-बहनें जंगल मे शेर की तरह निर्भय होकर विचरण करें। माता चण्डी की शरण मे आने वाला कोई भी व्यक्ति दुःखी ना हो। वकीलों उनके क्लर्क और उनके परिजनों के हित मे प्रोटेक्शन और मेंटिनेंस एक्ट तैयार हो इसके लीये वह प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वह सांसद बने या ना बने परन्तु फिर भी वह चंडीगढ़ के प्रत्येक वासी के सुख दुःख में सदा खड़े रहेंगे, यह एक साधु का वचन है। भाजपा उम्मीदवार संजय टण्डन को समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने विचारों के लीये चंडीगढ़ सीट से नामांकन किया है। उन्होंने कहा कि समर्थन के लिए अभी तक किसी भी प्रत्याशी द्वारा उनके मुद्दों को अपनाने का कोई शपथ पत्र या कोई वीडियो सन्देश इत्यादि प्राप्त नहीं हुआ है तो ऐसे में मुद्दों के बिना समर्थन का प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा कोई भी विरोधी नही है यह केवल विचारों से सहमत होने की बात है। जो व्यक्ति किसी के मत से सहमत होता है वह अपना मतदान उसके पक्ष में कर देता है। इसलिए इसमें जीत हार का कोई कारण नहीं होता। सबसे ज्यादा मत प्राप्त करने वाले को व्यवस्था द्वारा सदस्य के रूप में मनोनीत कर दिया जाता है।                                                                                                            (युद्धवीर सिंह की रिपोर्ट)

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