चंडीगढ़ पुलिस की ई-बुक से अपराधियों पर कड़ी नजर
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चंडीगढ़ पुलिस की ई-बुक से अपराधियों पर नजर

4800 से अधिक अपराधियों की जानकारी अब एक क्लिक पर, ई-बीट बुक को किया गया अपग्रेड

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चंडीगढ़ पुलिस ने अपराध पर काबू पाने के लिए अब डिजिटल तकनीक को हथियार बना लिया है। आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए पुलिस ने अपनी ई-बीट बुक को अपग्रेड कर दिया है। अब इस सिस्टम के जरिए शहर में सक्रिय 4800 से अधिक अपराधियों की पूरी क्राइम कुंडली एक क्लिक पर पुलिसकर्मी के सामने होगी। इससे पुलिस को मौके पर ही तुरंत जानकारी मिलेगी कि संदिग्ध व्यक्ति का आपराधिक इतिहास क्या है, वह किन मामलों में शामिल रहा है, और क्या वह किसी गंभीर अपराध का आरोपी रहा है।

चंडीगढ़ पुलिस का यह नया डिजिटल टूल खासतौर पर उन अपराधियों पर फोकस करेगा जो NDPS एक्ट यानी नशा तस्करी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। जेल से छूटने के बाद ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रखना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रहा है, लेकिन अब तकनीक की मदद से इनकी लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी पुलिस रिकॉर्ड में तत्काल अपडेट होती रहेगी।

इस सिस्टम में पुलिस ने ‘बैड करेक्टर’ यानी बदनाम और आदतन अपराधियों का पूरा प्रोफाइल जोड़ा है। इसमें उनकी पुरानी गिरफ्तारियों, चालान, मुकदमों, और अदालत के फैसलों की जानकारी भी मौजूद रहेगी। यही नहीं, पुलिस कर्मियों को अब बीट पर जाने से पहले मोबाइल या टैबलेट पर संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी मिल जाएगी, जिससे वे सतर्क रहकर कार्रवाई कर सकें।

इस पहल को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं बल्कि पुलिसिंग में एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल क्राइम कंट्रोल में मदद मिलेगी बल्कि आम लोगों की सुरक्षा का स्तर भी बेहतर होगा। चंडीगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई बार ऐसे अपराधी सामान्य लोगों की तरह जीवन जीते नजर आते हैं, लेकिन उनके आपराधिक रिकॉर्ड गंभीर होते हैं। अब ऐसी जानकारी पुलिसकर्मियों को कुछ सेकंड्स में मिल सकेगी।

शहर में नशे का जाल फैलाने वाले तस्करों और संगठित अपराध से जुड़े नेटवर्क को रोकने में भी यह टेक्नोलॉजी बड़ी भूमिका निभाएगी। खासकर स्कूल, कॉलेज, बस स्टैंड और ऐसे संवेदनशील इलाकों में तैनात पुलिसकर्मी अब ज्यादा सतर्क और सजग रह सकेंगे।

चंडीगढ़ जैसे विकसित शहर में जहां टेक्नोलॉजी को लेकर लोगों में जागरूकता है, वहां पुलिस की यह डिजिटल कोशिश एक मिसाल बन सकती है। इससे आम नागरिकों को भी राहत मिलेगी कि पुलिस अब सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं बल्कि फील्ड में भी हाईटेक हो चुकी है।

आमजन और समाज के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि अब अपराधियों पर पुलिस की पकड़ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और स्मार्ट होगी। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस टेक्नोलॉजी का दायरा और बढ़ेगा और अन्य राज्यों की पुलिस भी इससे प्रेरणा लेगी।

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