मेयर की कुर्सी अटकी: कब होगा ताजपोशी?
News around you

मेयर की कुर्सी अटकी, कब मिलेगी ताजपोशी

नगर निगमों में सीनियर और डिप्टी मेयर की राह अब भी मुश्किल, नेता बेचैन……

3

हरियाणा में नगर निगमों के चुनावों के नतीजे आए अब महीनों बीत चुके हैं, पार्षदों और मेयरों ने शपथ भी ले ली है, लेकिन अब भी सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सियां खाली पड़ी हैं। इन महत्वपूर्ण पदों के लिए इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, जिससे निगम के भीतर नीतिगत फैसलों पर भी असर पड़ता नजर आ रहा है।

चंडीगढ़ समेत हरियाणा के आठ नगर निगमों में 12 मार्च को चुनाव परिणाम घोषित किए गए थे और 24 मार्च को पार्षदों और मेयरों ने शपथ ग्रहण कर ली थी। लेकिन अब तक डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के लिए चुनाव नहीं हो पाए हैं। सूत्रों की मानें तो देरी के पीछे प्रशासनिक दिशा-निर्देशों की कमी और राजनीतिक खींचतान एक बड़ा कारण है।

पार्षदों के बीच भी बेचैनी बढ़ती जा रही है। खासकर वे नेता जो बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा से टिकट पाने से चूक गए थे और फिर मेयर पद की टिकट भी नहीं मिली, अब पार्षद बनकर डिप्टी मेयर की कुर्सी पर निगाहें गड़ाए बैठे हैं। निगम की कार्यप्रणाली पर भी इस देरी का प्रभाव पड़ रहा है, क्योंकि सीनियर पदों पर नियुक्ति के बिना कई महत्त्वपूर्ण निर्णय अधर में लटक गए हैं।

सियासी हलकों में चर्चा तेज है कि यह देरी केवल प्रशासनिक कारणों से नहीं, बल्कि गुटबाजी और दलगत राजनीति की उलझनों के चलते हो रही है। कुछ निगमों में संभावित नामों को लेकर सहमति नहीं बन रही, तो कुछ जगहों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान भी बाधा बन रही है।

जनता की उम्मीदें अब भी पूरी नहीं हो पाई हैं। जो स्थानीय विकास की योजनाएं इन नए चेहरों से जुड़ी थीं, वे कुर्सियों के खाली होने की वजह से अधूरी रह गई हैं। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि कब तक प्रशासन इन पदों के लिए चुनाव की घोषणा करेगा और शहरों को मिलेंगे उनके सीनियर और डिप्टी मेयर।

यह कुर्सियां केवल सत्ता की पहचान नहीं, बल्कि शहर के विकास और योजनाओं को गति देने वाली ज़िम्मेदारी भी हैं। जनता अब इस सस्पेंस का जल्द से जल्द पटाक्षेप चाहती है।

You might also like

Leave A Reply

Your email address will not be published.