क्या सुखबीर बादल दोबारा अकाली दल के प्रधान बन गए हैं.
पद से 5 महीने बाद वापसी, तनखैया घोषित होने और सजा के दौरान गोली चलने की घटना रही चर्चा में….
अमृतसर : शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख पद पर सुखबीर सिंह बादल की वापसी हो गई है। पांच महीने पहले उन्हें तनखैया घोषित किया गया था, जिसके चलते उन्होंने पद से हटने का फैसला लिया था। अब जब वह अपनी धार्मिक सजा पूरी कर चुके हैं, पार्टी ने उन्हें दोबारा प्रधान पद की जिम्मेदारी सौंप दी है। इस वापसी के साथ ही पंजाब की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।
सुखबीर बादल को कुछ समय पहले अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित किया गया था, जो कि सिख पंथ में एक गंभीर धार्मिक निर्णय होता है। उन्होंने अपनी सजा के तौर पर तख्त साहिब द्वारा निर्धारित सेवा और प्रायश्चित पूरा किया। इसी दौरान उनके सेवा स्थल पर गोली चलने की एक घटना भी सामने आई थी, जिससे विवाद और गहरा गया था। हालांकि, अब उनके पुनः पार्टी के प्रधान बनने के फैसले को पार्टी के अंदर और बाहर से मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
शिरोमणि अकाली दल के नेताओं का कहना है कि सुखबीर बादल का अनुभव और नेतृत्व पार्टी के लिए जरूरी है, खासकर ऐसे समय में जब पार्टी राजनीतिक रूप से चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रही है। उनका दोबारा आना पार्टी में एकजुटता और स्थिरता लाने की कोशिश माना जा रहा है। पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में कार्यक्रम भी आयोजित किए और इसे एक सकारात्मक शुरुआत बताया।
वहीं, विरोधी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि एक तनखैया व्यक्ति को इतनी जल्दी दोबारा महत्वपूर्ण पद पर क्यों बिठाया गया। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सुखबीर बादल की वापसी शिरोमणि अकाली दल की रणनीति का हिस्सा है, ताकि सिख वोट बैंक को फिर से संगठित किया जा सके और पार्टी को आने वाले चुनावों के लिए तैयार किया जा सके।
सुखबीर बादल की यह वापसी अकाली दल के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकती है या फिर यह पुराने विवादों को और गहरा भी कर सकती है, यह आने वाला समय बताएगा
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