शहीद लांस नायक बलजीत सिंह का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
सैन्य सम्मान के साथ शहीद को सलामी
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए लांस नायक बलजीत सिंह का वीरवार को उनके गांव झच्ज (रोपड़) में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस हृदयविदारक घटना ने न सिर्फ गांववालों बल्कि पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया। भारतीय सेना के वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठा हुई। देशभक्ति के नारों के बीच बलजीत सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए।
1. शहीद बलजीत सिंह की शहादत और अंतिम यात्रा
लांस नायक बलजीत सिंह भारतीय सेना की 57 इंजीनियर रेजीमेंट की 2 पैरा स्पेशल फोर्स में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान उनकी गाड़ी मंजाकोट क्षेत्र में 200 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिसमें अन्य चार सैन्यकर्मी घायल हो गए, लेकिन बलजीत सिंह ने देश की सेवा में प्राण न्यौछावर कर दिए। वीरवार को उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। शहीद की अंतिम यात्रा के दौरान “शहीद बलजीत सिंह अमर रहें” के नारों ने माहौल को देशभक्ति से भर दिया।
2. शहीद की पत्नी और परिवार की पीड़ा
लांस नायक बलजीत सिंह की शादी को मात्र नौ महीने हुए थे और उनकी पत्नी अमनदीप कौर के हाथों से अभी तक शादी का चूड़ा नहीं उतरा था। शहीद के परिवार की स्थिति अत्यंत दर्दनाक थी। पत्नी अमनदीप कौर और माता सुखविंदर कौर का रो-रोकर बुरा हाल था। इसके साथ ही, बलजीत सिंह के पिता की सात महीने पहले ही मृत्यु हो गई थी, जिससे परिवार पर दुख का पहाड़ टूटा हुआ है।
3. सैन्य सम्मान के साथ शहीद को सलामी
शहीद के पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां चंडी मंदिर से पहुंची सेना की टुकड़ी ने हवाई फायर करके उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी। भारतीय सेना के जवानों ने शहीद को सलामी दी, जिससे पूरा गांव देश के इस सपूत के बलिदान पर गर्व महसूस कर रहा था। हर आंख में आंसू और दिल में बलजीत सिंह के लिए सम्मान और प्रेम था।
4. विधायक ने की शहीद की शहादत की प्रशंसा
हलका रूपनगर के विधायक एडवोकेट दिनेश चड्ढा ने शहीद बलजीत सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि शहीद का बलिदान देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणादायक है। सरकार और प्रशासन को उनके परिवार का पूरी तरह से ख्याल रखना चाहिए ताकि वे इस कठिन समय में अकेला महसूस न करें।
निष्कर्ष
लांस नायक बलजीत सिंह ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनके बलिदान ने साबित किया कि भारत माता के वीर सपूत हमेशा तैयार हैं, चाहे उन्हें अपनी जान ही क्यों न गंवानी पड़े। उनकी शहादत को देश और उनके गांव के लोग सदैव याद रखेंगे। शहीद का बलिदान देशभक्ति का प्रतीक बनकर देशवासियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
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