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पावरग्रिड ने टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली से 6 परियोजनाएं जीतीं

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गुरुग्राम: विद्युत मंत्रालय के अधीन महारत्न (CPSU) पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने विभिन्न निजी क्षेत्र खिलाड़ियों से प्रतिस्पर्धा कर  टैरिफ बेस्ड कॉम्पिटिटिव बिडिंग  में सफल बोलीदाता के रूप में उभर कर कंपनी ने विभिन्न पारेषण प्रणाली परियोजनाओं हेतु छह स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) का अधिग्रहण किया है। यह प्रतिस्पर्धी बोली (टीबीसीबी) भारत सरकार द्वारा अधिसूचित दिशानिर्देशों के अनुसार आरईसी पावर डेवलपमेंट एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (आरईसीपीडीसीएल) द्वारा संचालित की गयी। इन प्रोजेक्ट एसपीवी में खावदा आरई ट्रांसमिशन लिमिटेड, केपीएस2 ट्रांसमिशन लिमिटेड, केपीएस3 ट्रांसमिशन लिमिटेड, खावदा II-बी ट्रांसमिशन लिमिटेड, खावदा II-सी ट्रांसमिशन लिमिटेड, ईआरडब्ल्यूआर ट्रांसमिशन लिमिटेड शामिल हैं।

पहली पांच परियोजनाएं एसपीवी गुजरात राज्य में पारेषण प्रणाली परियोजनाओं को संचालित करेंगी। इन परियोजनाओं में 15,000 एमवीए की रूपांतरण क्षमता वाले तीन 765 केवी उप-केंद्रों की स्थापना और 1200 सीकेएम से अधिक की 765 के.वी. डी/सी पारेषण लाइनों के साथ खावदा क्षेत्र में विभिन्न सौर पार्कों से हरित ऊर्जा की निकासी के लिए संबंधित कार्य शामिल हैं।

ERWR ट्रांसमिशन लिमिटेड एसपीवी, जेपोर (ओडिशा) और जगदलपुर (छत्तीसगढ़) के बीच 400 kV डी/सी ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से पूर्वी क्षेत्र ग्रिड और पश्चिमी क्षेत्र ग्रिड के बीच अंतर-क्षेत्रीय लिंक स्थापित करेगा।

यह सभी पारेषण प्रणाली परियोजनाएं उद्योगों, घरों और व्यवसायों की ऊर्जा पारेषण आवश्यकताओं को पूरा करेंगी जिससे देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2030 तक 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप हरित ऊर्जा के पारेषण और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।

28 फरवरी, 2023 को पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल पारेषण संपत्तियों में 1,73,815 सर्किट किमी की पारेषण लाइनें, 271 सबस्टेशन और 4,93,862 एमवीए की रूपांतरण क्षमता शामिल है। अत्याधुनिक रखरखाव तकनीकों, स्वचालन और डिजिटलीकरण के उपयोग से पावरग्रिड ने 99% से अधिक की पारेषण प्रणाली उपलब्धता को बनाए रखा है। (source-Corp.PR PGIL)

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