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सीबीआई विशेष अदालत, मोहाली ने पूर्व सहायक आयुक्त एवं उनकी पत्नी को कठोर कारावास की सजा सुनाई

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 मोहाली /नई दिल्ली: नामित अदालत ने गैर-अनुपातिक सम्पत्ति के मामले में सीमा शुल्क के तत्कालीन सहायक आयुक्त एवं उनकी पत्नी को क्रमशः 7 (सात) वर्ष तथा 3 वर्ष की कठोर कारावास की सजा के साथ कुल 1.5 लाख रु. का जुर्माना लगाया; 1.05 करोड़ रु. (लगभग) की गैर अनुपातिक संपत्ति जब्त की गई |
सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, मोहाली ने  कल  गैर-अनुपातिक सम्पत्ति के मामले में आरोपी  वरिंदर प्रभाकर, तत्कालीन सहायक आयुक्त, सीमा शुल्क, आईसीडी, लुधियाना को 7 (सात) वर्ष  की कठोर कारावास (आरआई) के साथ 1 लाख  रु. के जुर्माने की सजा और उनकी पत्नी सुश्री शशि प्रभाकर को 3 वर्ष की कठोर कारावास के साथ 50,000/- रु. के जुर्माने की सज़ा सुनाई। अदालत  ने आय से अधिक 1.05 करोड़ रु. (लगभग) की  संपत्ति को जब्त करने के  आदेश भी दिए।
सीबीआई ने दिनाँक 17.02.2006 को  वरिंदर प्रभाकर, सहायक आयुक्त, सीमा शुल्क, आईसीडी, लुधियाना के विरुद्ध मामला दर्ज किया था जिसमें लोक सेवक के रूप में अपनी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करके वर्ष 1974 से वर्ष 2006 तक अपने  सेवा कार्यकाल के दौरान आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप था। यह  मामला,  आरोपी  वरिंदर प्रभाकर  के विरुद्ध  ट्रैप मामले में की गई तलाशी का परिणाम है
  जांच पूरी होने के पश्चात, वरिंदर प्रभाकर एवं  उनकी पत्नी शशि प्रभाकर के विरुद्ध दिनाँक  30.06.2008 को विशेष न्यायाधीश, सीबीआई-सह-एनआईए, एसएएस नगर, मोहाली की अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था।     विचारण के पश्चात, अदालत ने आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हे दोषी ठहराया है(inputs from PIB Chandigarh; Representative images)

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