स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में हरियाणा पिछड़ा: सफाई में नाकामी
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में हरियाणा पिछड़ा, कचरा मुक्ति के लक्ष्य में विफल

स्टार रेटिंग की दौड़ में मानेसर को छोड़कर सभी नगर निगम हुए फेल, सरकार की योजनाओं पर उठे सवाल

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हरियाणा सरकार द्वारा कचरा मुक्त शहर बनाने के लिए घोषित किए गए लक्ष्यों की सच्चाई स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 में सामने आ गई है। राज्य के 11 नगर निगमों में से सिर्फ मानेसर को छोड़कर बाकी सभी नगर निगम इस रेटिंग में पिछड़ गए हैं। इसका मतलब साफ है कि स्वच्छता के लिए बनाई गई सरकारी योजनाएं जमीनी हकीकत से कोसों दूर हैं।

2023 के सर्वेक्षण में हरियाणा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था, जिसके बाद 2024 के लिए विशेष लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। लेकिन इस बार भी नगर निगमों ने अपेक्षित सुधार नहीं दिखाया। नगर निकायों को कचरा मुक्त शहर की स्टार रेटिंग के लिए तैयार किया गया था, जिसमें ठोस कचरा प्रबंधन, घर-घर से कचरा उठान, कचरे का पृथक्करण, और प्रोसेसिंग जैसे मापदंडों पर परखा गया।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत केंद्र सरकार हर वर्ष “गारबेज फ्री सिटी” के तहत शहरों को स्टार रेटिंग देती है, जिसमें हरियाणा को यह उम्मीद थी कि इस बार स्थिति सुधरेगी। लेकिन नगर निगमों की तैयारी केवल कागजों तक सीमित रही। अधिकांश नगर निगमों ने सर्वेक्षण के दौरान ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए, जिससे उन्हें अंक नहीं मिल सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह विफलता प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। कई जगहों पर कचरा उठान की नियमितता नहीं है, नालियों की सफाई नहीं हो रही, और प्लास्टिक कचरे का निष्पादन भी व्यवस्थित तरीके से नहीं किया जा रहा। सबसे बड़ी समस्या यह रही कि नगर निगमों में कर्मचारियों की भारी कमी है, जिससे स्वच्छता व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।

मानेसर को छोड़कर बाकी सभी नगर निगमों की विफलता इस बात का प्रमाण है कि महज बजट और योजनाओं से स्वच्छता का लक्ष्य नहीं पाया जा सकता, जब तक स्थानीय प्रशासन सक्रियता और ईमानदारी से काम न करे।

राज्य सरकार अब इन नतीजों की समीक्षा करने की बात कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही नगर निगमों की बैठक बुलाई जाएगी और सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। लेकिन सवाल यही है कि जब हर साल ऐसे लक्ष्य तय होते हैं और हर साल विफलता हाथ लगती है, तो आखिर जवाबदेही तय कब होगी? अब देखना यह है कि क्या अगले साल हरियाणा इन गलतियों से सीख लेगा, या फिर यह भी एक और रिपोर्ट बनकर रह जाएगी?

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