सुखबीर बादल पर हमले की जांच अब CBI करे… – News On Radar India
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सुखबीर बादल पर हमले की जांच अब CBI करे…

शिरोमणि अकाली दल प्रमुख ने हाईकोर्ट में दाखिल की याचिका, बोले– निष्पक्ष जांच जरूरी…

चंडीगढ़ : शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने हाल ही में उन पर हुए हमले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अदालत में याचिका दाखिल कर इस मामले की सीबीआई (CBI) जांच की मांग की है। सुखबीर बादल का कहना है कि यह हमला केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं बल्कि एक पूर्व नियोजित साजिश थी, जिसकी निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होना बेहद ज़रूरी है।

यह हमला उस वक्त हुआ जब सुखबीर बादल एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे। उनके काफिले पर कुछ अज्ञात लोगों ने पथराव किया और हंगामा मचाया। घटना के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन सुखबीर बादल और उनकी पार्टी का दावा है कि राजनीतिक दबाव में जांच को दिशा देने की कोशिश की जा रही है।

याचिका में सुखबीर बादल ने कहा है कि, “हमले के पीछे गहरी साजिश है। कुछ शक्तियां नहीं चाहतीं कि पंजाब में विपक्ष अपनी बात खुलकर रखे।” उन्होंने मौजूदा राज्य सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, “राज्य पुलिस पर राजनीतिक दबाव है, और ऐसे में जांच निष्पक्ष नहीं हो सकती।”

बादल ने यह भी दावा किया कि उनके पास कुछ सबूत हैं जो इस हमले की साजिश की ओर इशारा करते हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि इन सबूतों की जांच सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा की जाए ताकि किसी भी प्रकार का पक्षपात न हो।

अदालत ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए मामले पर अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है। अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि हाईकोर्ट क्या रुख अपनाता है और क्या यह मामला सीबीआई को सौंपा जाएगा या नहीं।

इस घटना ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है। जहां अकाली दल इसे विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश बता रहा है, वहीं राज्य सरकार ने जांच में पूरी पारदर्शिता का दावा किया है। हालांकि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर लगातार जारी है।

इस मुद्दे को लेकर अकाली दल के कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है और उन्होंने कई स्थानों पर प्रदर्शन भी किए हैं। पार्टी ने कहा है कि अगर सीबीआई जांच की मांग नहीं मानी गई तो वे राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ सकते हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत की अगली कार्यवाही में क्या निर्णय लिया जाता है और क्या यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी तक पहुंचता है या नहीं।

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