सीमा पार खेती को मिली अनुमति फिर से
भारत-पाक बॉर्डर पर पराली कटाई शुरू, माहौल शांत…..
अमृतसर : भारत-पाकिस्तान सीमा पर बाड़ के उस पार स्थित कृषि भूमि पर किसानों को एक बार फिर खेती की अनुमति दे दी गई है। इस फैसले से सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों में उत्साह है और उन्होंने करीब 3500 एकड़ भूमि में पराली की कटाई शुरू कर दी है। यह अनुमति सुरक्षा एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय के बाद दी गई है, जिसमें सीमित समय और निगरानी के साथ किसानों को खेतों तक जाने की इजाजत दी गई है।
इससे पहले सुरक्षा कारणों के चलते लंबे समय से सीमा पार की जमीन पर किसानों को जाने की मनाही थी, लेकिन अब हालात में नरमी आई है और सीमावर्ती इलाकों में सामान्य स्थिति की बहाली का संकेत मिल रहा है। फाजिल्का, फिरोजपुर और पठानकोट जैसे जिलों के सैकड़ों किसान सुबह-सवेरे अपने खेतों में पहुंच रहे हैं और पराली की कटाई के साथ-साथ अगली फसल की तैयारी भी शुरू कर दी है।
किसानों का कहना है कि सीमा पार की यह भूमि उनकी आजीविका का अहम हिस्सा है, और वर्षों की प्रतीक्षा के बाद जब उन्हें खेतों तक पहुंच मिली है, तो वे इसे एक राहत के रूप में देख रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और बीएसएफ ने संयुक्त रूप से सुरक्षा इंतजाम किए हैं ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।
सीमावर्ती क्षेत्रों में यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करेगा, बल्कि खेतों में पराली के उचित प्रबंधन से पर्यावरण पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। किसान पारंपरिक उपकरणों के साथ मशीनों का इस्तेमाल कर पराली हटा रहे हैं, जिससे आगजनी की घटनाओं को भी रोका जा सकेगा।
सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में यह प्रक्रिया चल रही है और निर्धारित समय सीमा के भीतर किसानों को लौटने का आदेश भी स्पष्ट कर दिया गया है। प्रशासन ने साफ किया है कि यह अनुमति एक व्यवस्था के तहत दी गई है और इसमें किसी भी प्रकार की ढील सुरक्षा नीतियों के तहत नहीं दी जाएगी।
यह फैसला बताता है कि जब प्रशासन, सुरक्षा एजेंसियां और किसान मिलकर काम करते हैं, तो समाधान निकल सकता है।
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