सांसदों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट: किसका पलड़ा भारी?
राजस्थान के सांसदों की संसद में सक्रियता पर नज़र, किसने कितने सवाल पूछे
उदयपुर राजस्थान के सांसदों की संसद में सक्रियता को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें यह साफ हो गया है कि संसद में सवाल पूछने के मामले में भाजपा और विपक्ष दोनों के सांसदों ने सक्रियता दिखाई है। हालांकि, संख्या के लिहाज से भाजपा के सांसद कुछ आगे नजर आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के भाजपा के 9 सांसदों ने कुल 677 सवाल पूछे हैं, जबकि विपक्ष के 11 सांसदों ने 553 सवाल उठाए। यह अंतर भले ही बहुत अधिक न हो, लेकिन इससे यह संकेत जरूर मिलता है कि भाजपा सांसदों की उपस्थिति और सक्रियता संसद में थोड़ी अधिक रही है।
इस रिपोर्ट में उदयपुर से भाजपा सांसद अर्जुनलाल मीणा ने अपनी जगह शीर्ष 5 सांसदों में बनाई है। वह पांचवें नंबर पर रहे, जो कि एक गर्व का विषय है। उनकी संसद में नियमित भागीदारी और जनहित के मुद्दों को उठाने की सक्रियता ने उन्हें यह स्थान दिलाया है। वहीं, विपक्ष के कई सांसदों ने भी अहम मुद्दों पर सवाल पूछे, जिससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश के मुद्दे संसद में लगातार उठ रहे हैं।
इस रिपोर्ट को जनहित और लोकतांत्रिक प्रणाली की मजबूती के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह एक अच्छा संकेत है। संसद में सवाल पूछना सिर्फ आंकड़े भर नहीं होते, बल्कि यह सरकार को जवाबदेह बनाने की प्रक्रिया का अहम हिस्सा होता है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि इन सवालों का विषय क्या था, और क्या उन सवालों से प्रदेश को कोई प्रत्यक्ष लाभ हुआ?
प्रदेश की जनता को अपने सांसदों की इस सक्रियता पर नजर रखनी चाहिए, ताकि आने वाले चुनावों में वे बेहतर निर्णय ले सकें। रिपोर्ट कार्ड की तर्ज पर सांसदों की परफॉर्मेंस को जनता के बीच लाना एक अच्छी पहल मानी जा सकती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है और जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों के प्रति और भी सजग रहते हैं।
इस रिपोर्ट से यह भी साफ होता है कि संसद में केवल उपस्थिति दर्ज कराना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि सवाल पूछना, बहस में हिस्सा लेना और नीति-निर्माण में योगदान देना भी सांसदों की अहम जिम्मेदारी है। प्रदेश के सांसदों ने इस दिशा में अच्छा प्रयास किया है, और उम्मीद की जा सकती है कि वे भविष्य में भी इसी तरह सक्रिय रहेंगे।