मिंजर मेला–चंबा की सांस्कृतिक पहचान, यहां के चौगान में धूम मचा रहा है
चंबा (हिमाचल प्रदेश): प्रदेश के चंबा जिले का एक प्रमुख और पारंपरिक उत्सव मिंजर मेला, गत सोमवार बहुत धूमधाम से शुरू हुआ। यह उत्सव अक्सर जुलाई महीने के दूसरे या तीसरे सप्ताह शुरू होता है। जिसे हर वर्ष सावन महीने में पूरे एक सप्ताह तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह मेला न केवल कृषि से जुड़ा हुआ है, बल्कि चंबा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है।
“मिंजर” शब्द का अर्थ है मक्की या धान के फूलों का गुच्छा, जो रेशमी धागे से बना होता है और श्रद्धालु इसे अपने वस्त्रों पर सजाते हैं। यह मेला वर्षा ऋतु में धान की बुआई की शुरुआत और अच्छी फसल के लिए धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है। मेले में पारंपरिक नाटियां (लोकनृत्य), स्थानीय संगीत, खेलकूद, हस्तशिल्प प्रदर्शन और दुकानों की बहार होती है। सैलानी इस समय चंबा की लोकसंस्कृति को नज़दीक से देखने और महसूस करने का अवसर पाते हैं।
चंबा जिले के और आस पास के गांवों, शहरों तथा हिमाचल के वासी इस मेले का उत्सुकता से इंतजार करते हैं। अपनी संस्कृति, परंपराओं और रिवाजों को मिलजुल कर मानने का यह अवसर हर बच्चा, जवान, बूढ़ा इंतजार करता है। महिलाएं हिमाचल के रंग बिरंगे परिधान पहन कर परिवार सहित गाते- झूमते इस मेले में शामिल होती हैं।
पिछले तीन दिनों से चंबा के चौगान में और शहर में मेले की धूम देखते ही बनती है। मेले में राज्य के संस्कृति समूह, गायक, नाटी डांसर, हिमाचली धुनें और गानों के साथ अपने हुनर से दर्शकों को रिझा रहे हैं। दर्शक भी खूब झूम रहे हैं। चंबा जिले और राज्य के सांस्कृतिक विभाग के अधिकारियों द्वारा गायकों, नाटी नृत्य कलाकारों को पुरस्कृत करते हैं। अभी मिंजर मेले के 3 दिन शेष हैं और अभी बहुत से कार्यक्रम पेश होंगे।
मिंजर मेले की शुरु
आत एक भव्य शोभायात्रा से शुरू हुई, जिसमें स्थानीय राजा (अब प्रतीकात्मक रूप से), पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुनों के साथ नगरवासियों और पर्यटकों के साथ शामिल होते हैं। शोभायात्रा के अंत में रावी नदी में मिंजर, नारियल, फूल, फल और सिक्के अर्पित किए जाते हैं – यह एक धार्मिक रस्म होती है जो समृद्धि और शांति की कामना के साथ की जाती है।
1980 में इसे राज्य स्तरीय मेले का दर्जा दिया गया था, और तब से यह मेला न केवल हिमाचल बल्कि पूरे देश के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। (मुख्य संवाददाता स्वर्ण दीपक रैना की रिपोर्ट)
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