बेटी के जन्म पर रेहड़ी-पटरी वालों ने लगाया लंगर, लोगों को मुफ्त में खिलाए 20 हजार रुपए के गोलगप्पे

मोनू ने बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि भगवान ने मुझे सारी खुशियां दी हैं। कुछ लोग बेटियों को कोख में ही मार देते हैं जो कि गलत है। माता-पिता का मान बढ़ाती हैं बेटियां बेटी एक घर की नहीं दो घरों की रानी होती है। एक बेटी का पिता किसी राजा से कम नहीं होता। (image credit- NBT Online)
गली के गोलगप्पे खाने वाले जब मोनू को पैसे देने लगे तो उसने लेने से मना कर दिया। मोनू ने कहा कि वह रोज पैसे कमाता है, लेकिन आज खुशी का दिन है, जितने गोलगप्पे खाओ, किसी से पैसे नहीं लिए जाएंगे। वहीं गोलगप्पे खा रहे लोगों ने मोनू के घर जन्मी बच्ची की लंबी उम्र की कामना भी की और मोनू को बधाई भी दी.
ढाई घंटे में खिलाए 20 हजार के गोलगप्पे
मोनू ने करीब ढाई घंटे में लोगों को 20 हजार रुपये के गोलगप्पे खिलाए। गोलगप्पे परोसने की फुर्ती के साथ ही मोनू ने बताया कि वह पिछले 10 साल से गोलगप्पे बेच रहे हैं. लेकिन उन्होंने कभी भी 5,000 रुपये से ज्यादा के गोलगप्पे नहीं बेचे। लेकिन आज उन्होंने लोगों को 20 हजार रुपये के गोलगप्पे मुफ्त में खिलाए.
प्रकृति का अनमोल उपहार हैं बेटियां : मोनू
मोनू ने बताया कि उन्होंने ऐसा लोगों को समझाने के लिए किया है कि हम जो खुशी मना रहे हैं उसमें पूरा शहर शामिल हो। मोनू ने बताया कि हम ग्वालियर के रहने वाले हैं। लेकिन अभी वहां नहीं जा सकते। लेकिन आज बेटी के जन्म में खुशी है तो मैंने सोचा क्यों न आज का दिन यहां के लोगों के साथ मनाया जाए। कहते हैं खुशियां बांटने से बढ़ती है। (A syndicated feed)
Comments are closed.