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प्रदेश में जल संकट गहराया, 51 जलघर सूखे

327 जलघरों में सिर्फ 25% पानी शेष, लोगों को जल आपूर्ति में संकट…..

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चंडीगढ़ : प्रदेश में भीषण गर्मी और पानी की कमी के कारण जल संकट गंभीर रूप ले चुका है। प्रदेश के 51 जलघर पूरी तरह से सूख चुके हैं, जबकि 327 जलघरों में मात्र 25 प्रतिशत पानी ही बचा है। इससे लाखों लोगों की पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। कई इलाकों में नलों में पानी की बूंद तक नहीं आ रही और लोग रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए दूर-दराज से पानी लाने को मजबूर हैं।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लगातार गिरते जलस्तर के कारण अब जलघरों में पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह से भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हुआ है, उसका असर अब साफ दिख रहा है। कई जिलों में जलघर पूरी तरह से सूख चुके हैं और वहां वैकल्पिक व्यवस्था के तहत टैंकरों से पानी पहुंचाया जा रहा है।

कुछ क्षेत्रों में जल आपूर्ति केवल एक बार और वो भी सीमित समय के लिए की जा रही है। लोगों को पानी भरने के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है जहां सरकारी टैंकरों की संख्या कम है और निजी स्रोत महंगे हो गए हैं।

सरकार ने इस संकट को देखते हुए पानी की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जल संरक्षण को लेकर अभियान चलाने की बात कही जा रही है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जलघरों की मरम्मत और ट्यूबवेल के गहन निरीक्षण करें ताकि जो भी स्रोत बचा है, उसे बेहतर ढंग से उपयोग में लाया जा सके।

इस बीच, पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि जल्द जल प्रबंधन पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो सकती है। उन्होंने वर्षा जल संचयन, जल दोहन पर नियंत्रण और जल संरक्षण की दिशा में व्यापक नीति लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

जनता को भी पानी के दुरुपयोग से बचने और हर बूंद को संजोने की अपील की जा रही है।


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