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पहलगाम हमला, करतारपुर यात्रा पर असर नहीं..

करतारपुर कॉरिडोर खुला, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या घटी…

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अमृतसर : हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित करतारपुर कॉरिडोर पर इसका सीधा असर देखने को नहीं मिला है। हालांकि, धार्मिक यात्रा की इस सुविधा को जारी रखा गया है, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। भारत से पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन के लिए रोजाना आने-जाने की अनुमति दी गई है, लेकिन इसके बावजूद करीब 60% श्रद्धालुओं ने इस यात्रा से दूरी बना ली है।

करतारपुर कॉरिडोर एक धार्मिक और सांस्कृतिक पुल का काम करता है, जो सिख समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है। हर दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते थे, लेकिन पहलगाम हमले के बाद से लोगों में डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है। हालांकि सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि करतारपुर कॉरिडोर पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे बंद करने की कोई योजना नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों ने कॉरिडोर पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया है।

इस गिरावट का एक और कारण लोगों में यह धारणा भी है कि सीमा पार जाना अब उतना सुरक्षित नहीं रह गया है, भले ही वह धार्मिक उद्देश्य से ही क्यों न हो। खासकर महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे इस यात्रा से पीछे हट रहे हैं। सरकार और धार्मिक संगठनों की ओर से श्रद्धालुओं को आश्वस्त किया जा रहा है कि उनकी सुरक्षा सर्वोपरि है और यात्राएं पहले की तरह ही चलाई जा रही हैं।

इसके बावजूद श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे सुरक्षा को लेकर लोगों का विश्वास बहाल होगा, वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की संख्या दोबारा बढ़ सकती है। वर्तमान में, करतारपुर कॉरिडोर पर सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं और समन्वय के साथ काम कर रहे हैं।

करतारपुर यात्रा न केवल धार्मिक महत्व की है बल्कि यह भारत-पाक संबंधों में भी एक अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में इसका खुले रहना शांति और संवाद की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।


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