पंजाब में पशु मेलों की आड़ में और जांच के नाम पर करोड़ों की धांधली
मोहाली : पंजाब के प्रबुद्ध एवं जागरूक सामाजिक कार्यकर्ता वकील एम एस चौहान ने मोहाली प्रैस क्लब में पत्रकार वार्ता द्वारा पंजाब में कई वर्षों से चल रही टैक्स गुंडागर्दी की ओर जनता को जागृत किया है।
पंजाब में यह गुंडा टैक्स वसूली का नया मामला है, जिसमें पिछले 15 वर्षों से पंजाब की पशु मंडियों के 3-4 पुराने ठेकेदार पंचायत विभाग के कुछ अधिकारियों की कथित मिलीभगत से पंजाब के भोले-भाले किसानों व व्यापारियों से गुंडा टैक्स के नाम पर करोड़ों रुपए की अवैध ठगी कर रहे हैं।
इस संबंध में मोहाली प्रेस क्लब में आज एक सम्मेलन के दौरान वकील एम.एस. चौहान ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, पंजाब द्वारा हर वर्ष राज्य के 19 जिलों में विभिन्न स्थानों पर सरकारी मंडियों में ई-नीलामी के माध्यम से पशु मेले की बोली लगाई जाती है। परन्तु दिनांक 21.5.2025 को ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने पुराने ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए पशु मेलों की बोली के लिए 3 नई शर्तें निर्धारित कर दी, जिसके अनुसार बोली में भाग लेने के लिए तीन वर्ष का अनुभव होना आवश्यक है, सफल ठेकेदार को अगले वर्ष बोली की आरक्षित कीमत में 5 प्रतिशत की वृद्धि करनी होगी तथा यदि माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामलों का निर्णय पशु मेला ठेकेदार के विरुद्ध होता है तो विभाग ठेकेदार द्वारा जमा करवाई जाने वाली मासिक किश्त का 25 प्रतिशत माफ कर देगा। जबकि पशु मेलों की नीलामी शर्तों में उपरोक्त तीनों शर्तें कभी भी शामिल नहीं की गई हैं, जोकि अधिकारियों द्वारा सीधे तौर पर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं। जब ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री को इन शर्तों के बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए 21 मई 2025 को होने वाली बोली रद्द कर दी।
उन्होंने कहा कि पशु मेला विनियमन अधिनियम 1967 के अनुसार यदि कोई व्यापारी या किसान पशु बाजार में कोई पशु लेकर आता है तो उस पशु के लिए प्रवेश शुल्क पुस्तक क्रमांक सीआरएफ-1 से 10 रुपये है। जब पशु बेचा जाता है तो पशु के क्रेता का नाम व पता, पशु के विक्रेता का नाम व पता तथा जिस मूल्य पर पशु बेचा गया है, वह भी विक्रय प्रमाण पत्र पुस्तिका संख्या सीआरएफ-2 में लिखा जाता है तथा पशु मेला ठेकेदार द्वारा क्रेता से उसी मूल्य का 4% शुल्क वसूला जाएगा। पशुधन मेलों में पशुओं की खरीद-फरोख्त पशुधन मेला अधिकारी की देखरेख में होती है और बदले में पशुधन मेला ठेकेदार पशुधन व्यापारियों, किसानों, पशुधन खरीदारों और पशुधन को विभिन्न सुविधाएं और सेवाएं प्रदान करता है।
पंजाब की सीमाओं पर नाके लगाकर किसानों से बलपूर्वक गुंडा टैक्स वसूलते हैं तथा पंजाब में आने-जाने वाले पशु व्यापारियों से अवैध वसूली करते हैं। पुराने पशु बाजार के ठेकेदार अवैध रूप से 1,000 रुपये प्रति मवेशी प्रति क्विंटल की वसूली कर रहे हैं। मांस संयंत्रों के सामने स्थायी जांच चौकियां स्थापित करके पशु व्यापारियों से प्रति पशु 2,200 रुपये वसूलने का प्रावधान किया गया है। इस तरह से रोजाना करीब 20 लाख रुपए की उगाही होती है। इसके चलते अब तक पांच में से दो मीट प्लांट बंद हो चुके हैं और बाकी भी बाहरी राज्यों से आने वाले पशुओं पर जबरन टैक्स वसूली के कारण बंद होने के कगार पर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 1979 में ठेकेदार से पशु मेला शुल्क का 4 प्रतिशत लिया गया था, लेकिन ठेकेदार ने आज तक कभी भी शुल्क में वृद्धि की मांग नहीं की।
अंत में एडवोकेट चौहान ने भगवंत मान सरकार से मांग की है कि जिन बूचड़खानों व राज्य की सीमाओं पर उक्त ठेकेदार अवैध रूप से नाके लगाकर व्यापारियों व किसानों से जबरन वसूली कर रहे हैं, उन्हें तुरंत बंद किया जाए तथा विभाग द्वारा जोड़ी गई 3 नई शर्तों की जांच की जाए ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके।
Discover more from News On Radar India
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Comments are closed.