धनखड़ पर चिदंबरम का हमला, इस्तीफे की मांग
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर बोले कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, कहा – सरकार का विश्वास खो चुके हैं।…..
नई दिल्ली : देश की राजनीति में एक बार फिर से सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि धनखड़ ने अपनी संवैधानिक सीमाएं पार कर दी हैं और अब वे मोदी सरकार का विश्वास खो चुके हैं। चिदंबरम ने यहां तक कह दिया कि अगर उनमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
चिदंबरम ने यह बयान एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि एक उपराष्ट्रपति का पद गरिमा और संतुलन का प्रतीक होता है, लेकिन धनखड़ ने अपने हालिया बयानों और रवैये से यह साबित कर दिया है कि वे अब उस पद की गरिमा बनाए नहीं रख सके। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जो शख्स संविधान की सीमाओं को लांघे और सरकार से अलग अपनी राय रखने लगे, उसे उस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
राजनीतिक गलियारों में इस बयान को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। हालांकि, धनखड़ ने अभी तक चिदंबरम के इस बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन यह बात तो तय है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही बयानबाजी और तल्खी एक बार फिर से सतह पर आ गई है।
चिदंबरम का यह भी कहना था कि उपराष्ट्रपति को अगर किसी बात पर आपत्ति है तो उसे उचित मंच पर उठाना चाहिए, न कि सार्वजनिक रूप से सरकार की आलोचना करके अपनी व्यक्तिगत नाराजगी जाहिर करनी चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि धनखड़ का व्यवहार लगातार एकपक्षीय होता जा रहा है और वे विपक्ष की बातों को तवज्जो नहीं देते।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ जाहिर होता है कि आने वाले दिनों में संसद का सत्र और भी गरम होने वाला है। एक तरफ सरकार अपने कामकाज को लेकर आत्मविश्वास में है, तो वहीं विपक्ष इस तरह के मुद्दों को हवा देकर सरकार को घेरने की तैयारी में लगा है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि खुद जगदीप धनखड़ इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। क्या वे चुप्पी साधे रहेंगे या फिर कांग्रेस पर पलटवार करेंगे?