जयपुर दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में आसमान से आफत बरस रही है। बीते 48 घंटों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने हालात को बेकाबू कर दिया है। कोटा, बारां, झालावाड़, और बूंदी जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। इन इलाकों में पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि सैकड़ों गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है।
बारिश की वजह से कई छोटे-बड़े नाले और नदियां उफान पर हैं। खासकर पार्वती, चंबल और कालीसिंध नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। इन नदियों पर बने कई पुलों को एहतियातन बंद कर दिया गया है ताकि कोई हादसा न हो। वहीं ग्रामीण इलाकों में लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। कई जगहों पर घरों में पानी भर गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने स्कूलों को बंद करने के आदेश दिए हैं। स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की टीमें भी राहत कार्य में जुटी हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने की वस्तुओं और दवाइयों की आपूर्ति की जा रही है।
सबसे चिंताजनक स्थिति उन गांवों की है जो पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है और नावों के जरिए लोगों को निकाला जा रहा है। कई किसान अपने खेतों की बर्बादी देख कर मायूस हैं, क्योंकि खड़ी फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि पिछले कई सालों में उन्होंने ऐसी बारिश नहीं देखी। “हम तो हर साल बारिश का इंतजार करते थे, लेकिन इस बार तो बारिश ने सब कुछ डुबो दिया,” एक बुजुर्ग किसान ने कहा। वहीं बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है क्योंकि स्कूलों के बंद होने से शिक्षा पर असर पड़ा है।
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और बेवजह घर से बाहर न निकलें। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत सहायता पहुंचाई जा सके। राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत राशि और सहायता सामग्री भेजने के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री ने हालात पर नजर बनाए रखने की बात कही है और अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बारिश ने जहां एक ओर लोगों को परेशान कर दिया है, वहीं प्रशासन की तत्परता और लोगों का सहयोग इस मुश्किल घड़ी में उम्मीद की किरण बनकर सामने आया है।
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