चंडीगढ़ में बिजली संकट पर मेयर की चिंता
लगातार कटौती से जनता परेशान, प्रशासक को पत्र लिखा…..
चंडीगढ़ में बढ़ती बिजली कटौती की समस्या ने आम लोगों की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। शहर की मेयर हरप्रीत कौर बबला ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को एक पत्र लिखकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से लिखा है कि पिछले दो महीनों से चंडीगढ़ के निवासी लगातार बिजली कट और वोल्टेज फ्लक्चुएशन से परेशान हैं, जिससे दैनिक जीवन में भारी असुविधा हो रही है।
मेयर ने कहा कि बिजली विभाग के निजीकरण के बाद स्थिति और भी खराब हो गई है। पहले जहां शिकायतें दर्ज होते ही तत्काल कार्रवाई की जाती थी, अब लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो हेल्पलाइन नंबर भी या तो बंद रहते हैं या कॉल रिसीव नहीं की जाती। यह स्थिति उपभोक्ताओं में असंतोष पैदा कर रही है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हरप्रीत कौर बबला ने अपने पत्र में लिखा कि चंडीगढ़ जैसे विकसित शहर में इतनी लंबी और अनियंत्रित बिजली कटौती चिंताजनक है। शहर के छात्र, वरिष्ठ नागरिक, व्यापारी, गृहणियां और कामकाजी लोग—सभी इससे प्रभावित हो रहे हैं। गर्मी के मौसम में जब बिजली सबसे जरूरी होती है, तब घंटों की कटौती ने जीवन को कठिन बना दिया है।
बिजली की बार-बार कटौती से न केवल घरेलू काम प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि व्यापारिक प्रतिष्ठानों और दफ्तरों में भी काम ठप हो जाता है। कई इलाकों में इन्वर्टर और जेनरेटर भी जवाब दे चुके हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई, मरीजों के लिए जरूरी उपकरण और आवश्यक सेवाएं सभी प्रभावित हो रही हैं।
मेयर ने प्रशासक से मांग की है कि बिजली आपूर्ति को लेकर एक मजबूत और पारदर्शी नीति बनाई जाए। साथ ही निजी कंपनियों को जवाबदेह बनाया जाए ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि बिजली विभाग के हेल्पलाइन सिस्टम को दुरुस्त किया जाए और हर शिकायत का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
जनता को यह उम्मीद है कि मेयर की यह पहल केवल पत्र तक सीमित न रह जाए, बल्कि प्रशासक और उच्च अधिकारी इसकी गंभीरता को समझें और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएं। चंडीगढ़ एक स्मार्ट सिटी है, लेकिन बिजली जैसी मूलभूत सुविधा का संकट इसका मूल आधार ही कमजोर कर रहा है।
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