चंडीगढ़ में एग्रीगेटर नीति में नया बदलाव | ड्राइवरों की राह आसान
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चंडीगढ़ में एग्रीगेटर नीति से नया बदलाव

कैब से लेकर ई-बाइक तक आए नई नीति के दायरे में…..

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चंडीगढ़ : शहर में सफर करने वालों के लिए अब अनुभव थोड़ा बदला-बदला होगा। प्रशासन ने ‘मोटर वाहन एग्रीगेटर नियम-2025’ लागू कर दिए हैं, जो सिर्फ कैब या टैक्सी तक सीमित नहीं, बल्कि ई-रिक्शा, सीएनजी रिक्शा, बाइक टैक्सी और ई-बाइक जैसे लगभग हर सार्वजनिक मोटर वाहन को अपने दायरे में लाते हैं।

शहर की सड़कों पर अब जो गाड़ियां दौड़ेंगी, वे सिर्फ सवारी नहीं पहुंचाएंगी, बल्कि नए नियमों का पालन भी करेंगी। इस बदलाव के साथ कैब कंपनियों जैसे ओला, उबर, रैपिडो को चंडीगढ़ में संचालन के लिए न सिर्फ पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा, बल्कि कई तकनीकी और सुरक्षा मानकों पर भी खरा उतरना होगा।

एक आम यात्री जो हर दिन ऑफिस या कॉलेज जाने के लिए ऑनलाइन कैब बुक करता है, अब उसे ट्रिप शुरू होने से पहले ही ड्राइवर की जानकारी, वाहन की स्थिति, अनुमानित किराया और ट्रैवल टाइम मोबाइल ऐप पर मिल जाएगा। सभी वाहनों में जीपीएस और पैनिक बटन अनिवार्य कर दिए गए हैं, ताकि महिलाएं, बुज़ुर्ग और हर यात्री खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करें।

प्रशासन का कहना है कि यह नीति सिर्फ अनुशासन के लिए नहीं, बल्कि भविष्य के स्मार्ट शहर की नींव रखने के लिए जरूरी है। वहीं दूसरी ओर कुछ कैब ड्राइवरों और कंपनियों ने इसे शुरू में थोड़ी परेशानी भरा बताया है, लेकिन वे मानते हैं कि लंबी दूरी की सोच से यह बदलाव ज़रूरी है।

नई नीति में यह भी साफ किया गया है कि धीरे-धीरे एग्रीगेटर कंपनियों को अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ानी होगी। 2030 तक आधी से ज्यादा फ्लीट ई-व्हीकल में बदलने का लक्ष्य रखा गया है।

शहरवासियों को अब उम्मीद है कि न सिर्फ सफर आसान होगा, बल्कि किराए की मनमानी और सुरक्षा की चिंता भी कुछ हद तक खत्म होगी।

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