चंडीगढ़ बिजली निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन: कर्मचारियों पर एस्मा लागू, पावर ग्रिड-बीबीएमबी से बुलाया बैकअप
चंडीगढ़ में बिजली निजीकरण का विरोध तेज, कर्मचारियों ने किया बड़ा प्रदर्शन
चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को सेक्टर-17 में कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रशासन ने कर्मचारियों पर ईस्ट पंजाब एसेंशियल सर्विस (मेंटेनेंस) एक्ट-1947 (एस्मा) लागू कर दिया, जिससे छह महीने तक किसी भी प्रकार की हड़ताल पर रोक लगा दी गई है।
प्रदर्शन के मुख्य कारण:
प्रशासन का फैसला:
चंडीगढ़ प्रशासन ने एक जनवरी तक बिजली विभाग को एक निजी कंपनी को सौंपने की योजना बनाई है। कर्मचारियों का आरोप है कि ट्रांसफर स्कीम को अंतिम रूप दिए बिना ही निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
आक्रोश और भ्रष्टाचार के आरोप:
यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया है कि करोड़ों की संपत्ति को केवल 871 करोड़ रुपये में निजी कंपनी को बेचा जा रहा है। नेशनल को-ऑर्डिनेशन कमेटी के उपाध्यक्ष सुभाष लांबा ने इसे पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला कदम बताया।
एस्मा का विरोध:
कर्मचारियों का कहना है कि एस्मा जैसा काला कानून लागू कर प्रशासन उन्हें चुप नहीं कर सकता। यूनियन नेता गोपाल दत्त जोशी ने कहा कि कर्मचारी अंतिम सांस तक निजीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।
प्रदर्शन के दौरान प्रशासन की तैयारियां:
बैकअप मैनपावर का इंतजाम:
प्रशासन ने फरवरी 2022 जैसा ब्लैकआउट दोबारा न हो, इसे ध्यान में रखते हुए पावर ग्रिड, बीबीएमबी और पीएसपीसीएल से 100 से अधिक जेई और लाइनमैन बुला लिए हैं।
रहने-खाने की व्यवस्था:
बाहर से आए कर्मचारियों के लिए रहन-सहन की व्यवस्था प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। कई कर्मचारी निजीकरण के विरोध में ड्यूटी करने से मना कर चुके हैं।
चंडीगढ़ बिजली विभाग क्यों है खास:
सस्ती बिजली:
पूरे देश में चंडीगढ़ में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध है।
लाभदायक विभाग:
बिजली विभाग हर साल करोड़ों रुपये का मुनाफा कमा रहा है।
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर:
विभाग ने हाल ही में अंडरग्राउंड वायरिंग और स्मार्ट मीटरिंग जैसे कई प्रोजेक्ट्स पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।
चंडीगढ़ बिजली विभाग की स्थिति:
कर्मचारियों की संख्या:
विभाग में कुल 1100 कर्मचारी हैं, जिनमें से 550 रेगुलर हैं।
बोली लगाने वाली कंपनियां:
एमिनेंट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड ने 871 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। इसके अलावा अडानी, टाटा और अन्य कंपनियां भी बोली में शामिल थीं।
प्रमुख तारीखें और घटनाएं:
फरवरी 2022 में ब्लैकआउट के बाद पहली बार कर्मचारियों पर एस्मा लगाया गया।
13 दिसंबर को राष्ट्रीय निजीकरण विरोधी दिवस के तहत पूरे देश में प्रदर्शन की तैयारी।
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