चंडीगढ़ निगम कर्मचारी का खुलासा: अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप
नशे में कही बात को सच बताया, दबाव में माफी मंगवाने का आरोप; कहा- अब डर नहीं
चंडीगढ़ नगर निगम में एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों ने हलचल मचा दी है। नगर निगम के इंफोर्समेंट विंग के कर्मचारी विकास ने अपने ही अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नशे की हालत में उसने जो कुछ कहा था, वही हकीकत है। उसके मुताबिक, अधिकारियों ने दबाव बनाकर उससे जबरन माफी मंगवाई और दूसरा वीडियो रिकॉर्ड करवाया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शास्त्री मार्केट सेक्टर-22 के प्रधान मुकेश गोयल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि निगम कर्मचारी ने साहस दिखाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए, लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि पार्षदों ने भी मामले को विजिलेंस विभाग तक ले जाने की हिम्मत नहीं दिखाई।
विकास ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैंने नशे की हालत में भी सच बोला था। लेकिन अधिकारियों ने दबाव डालकर मुझसे माफी मंगवाई और दूसरा वीडियो बनवाया। अब मैं डरने वाला नहीं हूँ।”
कर्मचारी के इन आरोपों ने नगर निगम की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। निगम कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच खींचतान का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी नगर निगम में भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप सामने आते रहे हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ फाइलों तक ही मामले सीमित रह जाते हैं।
स्थानीय बाज़ार एसोसिएशनों और निगम कर्मचारियों के बीच भी इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है। कई लोग मानते हैं कि अगर इस बार मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो नगर निगम पर लोगों का भरोसा और कमजोर हो जाएगा।
राजनीतिक हलकों में भी यह मुद्दा गरमाता दिख रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि नगर निगम की कार्यप्रणाली पूरी तरह सवालों के घेरे में है और अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
फिलहाल, कर्मचारी विकास के आरोपों के बाद नगर निगम प्रशासन और विजिलेंस विभाग की भूमिका पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इन गंभीर आरोपों पर कोई कार्रवाई होती है या मामला एक बार फिर ठंडे बस्ते में चला जाता है।