चंडीगढ़ को म्यूजियम नहीं, जिंदादिल शहर चाहिए
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चंडीगढ़ को म्यूजियम नहीं, जिंदादिल शहर चाहिए

रजिस्ट्री रोक पर नाराजगी, उद्योग और कारोबार पर संकट गहराया…..

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चंडीगढ़ में हाल ही में शेयर वाइज रजिस्ट्री पर लगी रोक ने शहर के लोगों, प्रॉपर्टी मालिकों और उद्योगपतियों के बीच गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर प्रशासन ने पूरे शहर में रजिस्ट्री बंद कर दी है, लेकिन स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि आदेश का गलत अर्थ निकालते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। इस निर्णय के बाद न केवल लोग अपनी ही संपत्ति बेचने के अधिकार से वंचित हो गए हैं, बल्कि शहर का उद्योग और व्यापार भी प्रभावित होने लगा है।

लोगों का कहना है कि चंडीगढ़ कोई म्यूजियम नहीं है, बल्कि एक जिंदादिल शहर है जिसकी पहचान इसकी गतिशीलता और प्रगतिशील सोच से है। अगर प्रशासन ऐसे कठोर और बिना सोचे-समझे फैसले लेगा, तो इससे विकास की रफ्तार थम जाएगी। निवेशक और कारोबारी शहर से मुंह मोड़ सकते हैं और आम लोगों की जिंदगी भी प्रभावित होगी।

अमर उजाला द्वारा सेक्टर-9 स्थित कार्यालय में आयोजित संवाद कार्यक्रम में इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा हुई। प्रॉपर्टी मालिकों, उद्योगपतियों और आम नागरिकों ने प्रशासन से अपील की कि वह तुरंत इस मामले पर ठोस और कानूनी समाधान निकाले। लोगों ने यह भी कहा कि रजिस्ट्री पर रोक लगाने से रोजगार, कारोबार और संपत्ति का पूरा ढांचा चरमरा सकता है। इससे शहर की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सही तरीके से लागू करने की जिम्मेदारी प्रशासन की है, लेकिन आदेश का गलत अर्थ निकालकर पूरे शहर को रोक देना किसी भी लिहाज से तार्किक नहीं है। प्रशासन को चाहिए कि वह कानूनी विशेषज्ञों से राय लेकर ऐसा रास्ता निकाले जिससे न तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना हो और न ही शहर का विकास बाधित हो।

लोगों का यह भी कहना है कि चंडीगढ़ जैसे शहर, जिसकी नींव आधुनिक सोच और प्रगतिशील विजन पर रखी गई थी, उसे ठहराव की तरफ धकेलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होगा। उद्योग और कारोबार पर इसका सीधा असर पड़ेगा, जिससे युवाओं के रोजगार के अवसर भी कम होंगे। इस पूरे मामले में प्रशासन को संवेदनशील होकर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए।

कुल मिलाकर, चंडीगढ़ आज उस मोड़ पर खड़ा है जहां एक गलत फैसला उसके भविष्य को प्रभावित कर सकता है। यह शहर अपनी खुली सोच और गतिशीलता के लिए जाना जाता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इसे म्यूजियम बनाने के बजाय एक जिंदादिल और जीवंत शहर बनाए रखे।

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