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चंडीगढ़ के पूर्व DSP को 7 साल की सजा क्यों?

40 लाख की रिश्वत मांगने के मामले में अदालत का कड़ा फैसला

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चंडीगढ़ : पुलिस के पूर्व डीएसपी आरसी मीणा को भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी करार देते हुए अदालत ने 7 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला एक संपत्ति विवाद से जुड़ा है, जिसमें डीएसपी ने कथित रूप से 40 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।

जानकारी के मुताबिक, मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ता के अनुसार, डीएसपी आरसी मीणा ने संपत्ति विवाद के निपटारे के लिए उनसे 40 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन टीम ने जांच शुरू की और सबूत जुटाए। इसके बाद डीएसपी को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।

इस मामले की सुनवाई चंडीगढ़ की विशेष सीबीआई अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कई सबूत और गवाह पेश किए, जिससे यह साबित हुआ कि आरोपी ने वाकई रिश्वत की मांग की थी। अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए डीएसपी को दोषी करार दिया और उन्हें सात साल की सजा सुनाई।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि कानून के रक्षक अगर खुद भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, तो यह समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई जरूरी है ताकि जनता का कानून पर विश्वास बना रहे।

इस फैसले के बाद चंडीगढ़ पुलिस विभाग में भी हलचल मच गई है। पुलिस प्रशासन ने साफ किया है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी अधिकारियों को ईमानदारी से काम करने की हिदायत दी गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे अन्य सरकारी अधिकारियों को भी सख्त संदेश जाएगा। वहीं, डीएसपी मीणा के परिवार ने इस फैसले पर निराशा जताई है और उच्च न्यायालय में अपील करने की बात कही है।


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