घायल पंत की फिफ्टी, छक्कों में रिकॉर्ड कायम
लंगड़ाते हुए खेला, सबसे ज्यादा टेस्ट सिक्स लगाने वाले भारतीय बने
मैनचेस्टर क्रिकेट के मैदान पर जज़्बा और जुनून जब चरम पर होता है, तो खिलाड़ी केवल शरीर से नहीं, दिल से खेलता है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला जब भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत लंगड़ाते हुए बल्लेबाज़ी करने मैदान पर उतरे और शानदार अर्धशतक जड़ा। चोट से जूझते हुए भी उन्होंने न सिर्फ टीम को संभाला, बल्कि इतिहास रचते हुए टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ बन गए।
पंत की बल्लेबाज़ी को देखकर स्टेडियम में मौजूद दर्शक भावुक हो उठे। उनके हर रन पर तालियां गूंजती रहीं और जब उन्होंने अपना पचासा पूरा किया, तो पूरा मैदान उनके जज़्बे को सलाम करता नजर आया। यह सिर्फ एक पचास रन की पारी नहीं थी, बल्कि यह एक खिलाड़ी की हिम्मत, समर्पण और देश के लिए लड़ने की जिद का प्रतीक बन गई।
ऋषभ पंत ने इस पारी में कई आकर्षक शॉट्स खेले, जिनमें उनके ट्रेडमार्क रिवर्स स्विप, पुल शॉट और मैदान के बीचोंबीच लगाए गए छक्के शामिल थे। एक छक्के के साथ ही उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे ज्यादा छक्के मारने वाले बल्लेबाज़ का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। यह रिकॉर्ड पहले वीरेंद्र सहवाग के पास था। वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए टेस्ट क्रिकेट में आठ साल बाद पांच विकेट हासिल किए। यह उनके लिए व्यक्तिगत उपलब्धि भी थी और टीम के लिए भी एक प्रेरणादायक प्रदर्शन।
मैच के दौरान कई यादगार पल देखने को मिले। चाहे वो पंत की लड़खड़ाती चाल के बावजूद क्रीज पर डटे रहना हो, या फिर स्टोक्स की आक्रामक गेंदबाज़ी। यह मैच क्रिकेट प्रेमियों के लिए भावनाओं, संघर्ष और खेल भावना का असली उदाहरण बन गया। पंत की इस बहादुरी भरी पारी ने साबित कर दिया कि असली खिलाड़ी वही होता है जो मुश्किलों से नहीं घबराता। शरीर भले ही जवाब दे, लेकिन हौसला कभी नहीं टूटना चाहिए। आज पंत न सिर्फ एक बल्लेबाज़ के रूप में बल्कि एक प्रेरणा के रूप में भी सामने आए हैं। मैदान पर उनकी उपस्थिति ने यह संदेश दे दिया कि भारत का क्रिकेट भविष्य सुरक्षित हाथों में है। युवा खिलाड़ियों के लिए यह सीखने का लम्हा है कि खेल केवल स्कोर करने का नाम नहीं, बल्कि अपने जज़्बे से टीम के लिए कुछ कर गुजरने की कहानी है।