कुत्ते के मुंह में नवजात का सिर: पटियाला में हड़कंप, जांच में पिता की मजबूरी
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कुत्ते के मुंह में नवजात का सिर: पटियाला में हड़कंप, जांच में सामने आई पिता की मजबूरी

कुत्ते के मुंह में नवजात का सिर: पटियाला में हड़कंप, जांच में सामने आई पिता की मजबूरी....

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पटियाला। पंजाब के पटियाला स्थित राजिंदरा अस्पताल में मंगलवार शाम उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक आवारा कुत्ता अपने मुंह में एक नवजात बच्चे का सिर लेकर गैलरी में घूमता नजर आया। इस दर्दनाक दृश्य ने अस्पताल में हड़कंप मचा दिया और लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो गए। अब पटियाला पुलिस ने इस मामले का खुलासा कर दिया है।

पुलिस जांच में सामने आया है कि नवजात का शव बच्चे के पिता ने ही कूड़ेदान में फेंका था, क्योंकि उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे।
थाना सिविल लाइन में आरोपी गिरधारी लाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 94 के तहत केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

बेटा मृत पैदा हुआ था, पत्नी की देखभाल में था व्यस्त
पुलिस के अनुसार, गिरधारी लाल और उसकी पत्नी तारा देवी 24 अगस्त की रात करीब 8:30 बजे अस्पताल पहुंचे थे, जहां तारा देवी ने मृत बच्चे को जन्म दिया। 25 अगस्त को कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अस्पताल ने नवजात का शव परिवार को सौंप दिया था। SSP वरुण शर्मा ने बताया कि यह मामला इंट्रा यूटेराइन डेथ (IUD) का है — यानी बच्चा गर्भ में ही दम तोड़ चुका था।

गिरधारी लाल ने पुलिस को बताया कि वह पत्नी की देखभाल में व्यस्त था और उसके पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं थे। इस कारण उसने नवजात के शव को पॉलीथिन में डालकर अस्पताल के डस्टबिन में फेंक दिया। वहां से कूड़े के ढेर में पहुंचे शव को आवारा कुत्तों ने निकाल लिया, जिससे यह दर्दनाक घटना सामने आई।

तकनीकी जांच से मिला सुराग
पुलिस ने मृत बच्चे की तस्वीर को आरोपी के मोबाइल फोन में मौजूद तस्वीरों से मिलाया, जिससे उसकी पहचान पक्की हुई। SSP वरुण शर्मा ने बताया कि पुलिस ने बेहद संवेदनशीलता और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस मामले को सुलझाया।

स्वास्थ्य मंत्री का दौरा, बड़े कदमों की घोषणा
घटना के बाद बुधवार को पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सरकारी राजिंदरा अस्पताल का दौरा किया और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि ऐसी अमानवीय घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए राज्य भर के अस्पतालों में पालने (Baby Cradle Point) लगाए जाएंगे, ताकि अगर कोई माता-पिता नवजात को पालने में असमर्थ हैं, तो वे उसे सुरक्षित वहां छोड़ सकें।

डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि ऐसे नवजात, जो जन्म से पहले या जन्म के तुरंत बाद दम तोड़ देते हैं, उनके अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी अब सरकारी अस्पतालें और प्रशासन मिलकर निभाएंगे।

उन्होंने राजिंदरा अस्पताल में आवारा कुत्तों की समस्या को सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार हल करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

बैठक में मौजूद अधिकारी:

  • उपायुक्त डॉ. प्रीति यादव

  • नगर निगम आयुक्त परमवीर सिंह

  • एडीसी सिमरप्रीत कौर

  • राजिंदरा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरपीएस सिबिया

  • चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विशाल चोपड़ा

  • एसपी सिटी पलविंदर सिंह चीमा

  • डॉ. अंकित नारंग

स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की है कि ऐसी स्थिति में नवजातों के शवों को फेंकने की बजाय नजदीकी सरकारी अस्पताल या प्रशासन को सौंपें।

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