उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस का वार
स्वास्थ्य कारण बताकर हटे धनखड़, कांग्रेस ने बताया गंभीर सियासी मामला……
नई दिल्ली भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार की देर शाम अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर देश की राजनीति में हलचल मचा दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई चिट्ठी में उन्होंने साफ तौर पर लिखा कि वे अपने स्वास्थ्य की देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए इस अहम पद को छोड़ रहे हैं।
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय आया है जब संसद का मानसून सत्र अपने चरम पर है और विपक्ष लगातार सरकार को कई मुद्दों पर घेरने में जुटा है। हालांकि उपराष्ट्रपति ने अपने पत्र में किसी भी राजनीतिक कारण का जिक्र नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम पर संदेह जताते हुए सरकार पर सीधा हमला बोला है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि यह इस्तीफा केवल स्वास्थ्य कारणों से नहीं हुआ, इसके पीछे जरूर कोई गहरी सियासत है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति अचानक इस्तीफा क्यों दे रहा है।
कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि हाल ही में कुछ नीतिगत मामलों पर उपराष्ट्रपति की राय सरकार से मेल नहीं खा रही थी। पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का कार्यकाल सशक्त और स्पष्टवादी रहा, लेकिन कहीं न कहीं वह सत्ता पक्ष से असहज थे। धनखड़ का इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद अब इस पद पर नया नाम तय किया जाएगा। इस बीच राजनीतिक गलियारों में संभावित चेहरों की अटकलें तेज हो गई हैं।
वहीं, बीजेपी ने इस इस्तीफे को पूरी तरह निजी बताया है और कहा कि विपक्ष बेवजह सियासी रंग देने की कोशिश कर रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि उपराष्ट्रपति जी ने पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और उनका स्वास्थ्य ही इस फैसले का कारण है।
बहरहाल, देश के संवैधानिक ढांचे में उपराष्ट्रपति की भूमिका काफी अहम होती है। वे न सिर्फ राज्यसभा के सभापति होते हैं बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में राष्ट्रपति का कार्यभार भी संभाल सकते हैं। ऐसे में अचानक उनका हटना देश की राजनीति में एक बड़ा घटनाक्रम बन गया है। अब देखना होगा कि सरकार इस पद पर किसे नामित करती है और विपक्ष इस मुद्दे को कितनी दूर तक ले जाता है।