चार साल की बच्ची से दरिंदगी करने वाले को क्यों मिली फांसी की सजा
हाईकोर्ट ने दोषी के कृत्य को बताया राक्षसी, कहा- फांसी के लिए जल्लाद नियुक्त करें।
गुरुग्राम : में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला सामने आया जिसमें चार साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को पहले ट्रायल कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भी इस फैसले पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने अपने निर्णय में आरोपी के कृत्य को राक्षसी करार दिया और कहा कि ऐसे अपराधों पर समाज में कड़ा संदेश जाना चाहिए।
कोर्ट ने यह भी कहा कि बच्ची के साथ जो हुआ वह किसी भी सभ्य समाज में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह घटना केवल एक बच्ची पर हमला नहीं थी, बल्कि पूरे मानवता के खिलाफ था। इसलिए अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि दोषी की फांसी के लिए तुरंत जल्लाद की नियुक्ति की जाए।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह अपराध उन विरले मामलों में आता है जिसमें मृत्युदंड अनिवार्य हो जाता है। आरोपी ने मासूम बच्ची के साथ न केवल क्रूरता की सारी सीमाएं पार कीं बल्कि उसकी जान भी ले ली। इस तरह के अपराध समाज में भय, असुरक्षा और नारकीय स्थिति का निर्माण करते हैं।
अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि मृत्युदंड का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं बल्कि समाज में न्याय का संदेश देना भी है। कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवार को कुछ हद तक न्याय की अनुभूति हुई है और समाज में भी यह संदेश गया है कि ऐसे कृत्य करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था और समाज में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। अब हाईकोर्ट के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि ऐसे अपराधियों के लिए न्याय प्रणाली में कोई सहानुभूति नहीं है और उन्हें उनके कृत्य की कठोरतम सजा दी जाएगी।
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