चंडीगढ़ बिजली विभाग का निजीकरण, कर्मचारियों के लिए बनी समिति
प्रशासक की अध्यक्षता में बनी कमेटी, 30 अप्रैल तक मांगे गए सुझाव…
चंडीगढ़ : बिजली विभाग का निजीकरण अब औपचारिक रूप ले चुका है। प्रशासन ने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक विशेष समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता चंडीगढ़ के प्रशासक करेंगे। इस समिति को 30 अप्रैल तक कर्मचारियों से उनके सुझाव और आपत्तियां प्राप्त करनी हैं।
बिजली विभाग के निजी हाथों में जाने के फैसले के बाद कर्मचारियों में असंतोष देखा जा रहा है। कई कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और आशंका व्यक्त की है कि इससे उनकी नौकरी और वेतन संरचना पर असर पड़ सकता है। प्रशासन ने इस मुद्दे पर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए समिति का गठन किया है, जिसमें अधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है।
प्रशासन का कहना है कि बिजली विभाग के निजीकरण से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। हालांकि, कर्मचारी संगठनों का मानना है कि निजीकरण के कारण उनकी सुविधाओं में कटौती हो सकती है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी और कोई भी निर्णय उनकी सहमति के बिना नहीं लिया जाएगा। समिति द्वारा प्राप्त सुझावों और आपत्तियों पर विचार करने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस बीच, कर्मचारी संगठनों ने अपने हितों की रक्षा के लिए विरोध जारी रखने की बात कही है।
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