क्या डल्लेवाल की हिरासत पर हाईकोर्ट देगा राहत…
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का दिया हवाला, याची पक्ष ने किया विरोध…
चंडीगढ़ : हाईकोर्ट आज डल्लेवाल की हिरासत पर अहम फैसला सुनाने जा रहा है। मामले को लेकर राज्य सरकार और याची पक्ष आमने-सामने हैं। सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि डल्लेवाल की चिकित्सा देखभाल और सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। वहीं, याची पक्ष के वकील ने आरोप लगाया कि डल्लेवाल को उनके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है और उन्हें बुनियादी सुविधाएं, यहां तक कि पानी भी नहीं दिया जा रहा है।
हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। सरकार की ओर से कहा गया कि हिरासत के दौरान डल्लेवाल को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं और उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। हालांकि, याची पक्ष ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि हिरासत के नाम पर डल्लेवाल के अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
डल्लेवाल की कानूनी टीम ने अदालत से आग्रह किया कि उन्हें जल्द से जल्द उनके परिवार से मिलने की अनुमति दी जाए और उचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अदालत में यह भी तर्क दिया कि सरकार डल्लेवाल को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रही है, जो कानून के खिलाफ है।
सरकारी वकील ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि डल्लेवाल को सभी आवश्यक सुविधाएं दी जा रही हैं और सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा कारणों के चलते कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन इससे उनके मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हो रहा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और आज इस पर फैसला सुनाने का ऐलान किया। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि हाईकोर्ट का यह फैसला हिरासत में रखे गए अन्य लोगों के लिए भी मिसाल बनेगा।
डल्लेवाल समर्थकों ने इस पूरे मामले को राजनीतिक साजिश करार दिया है और सरकार पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। वहीं, प्रशासन का कहना है कि वे सिर्फ कानून और न्यायपालिका के आदेशों का पालन कर रहे हैं।
इस बीच, डल्लेवाल के समर्थकों ने न्याय की मांग को लेकर कई जगहों पर प्रदर्शन भी किया है। वे सरकार से अपील कर रहे हैं कि हिरासत में उनके साथ उचित व्यवहार किया जाए और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाए।
अब सबकी नजरें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। यदि अदालत डल्लेवाल की रिहाई का आदेश देती है, तो यह सरकार के लिए बड़ा झटका होगा, वहीं यदि हिरासत को बरकरार रखा जाता है, तो याची पक्ष इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की तैयारी कर सकता है।
Discover more from News On Radar India
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
Comments are closed.