नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम ने हाल ही में लगातार दो आईसीसी टूर्नामेंट जीतकर जबरदस्त प्रदर्शन किया है। इस सफलता में न केवल खिलाड़ियों बल्कि सपोर्ट स्टाफ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हालांकि, अब खबरें आ रही हैं कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) जल्द ही टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में कटौती कर सकता है। यह फैसला टीम की नई रणनीति और प्रबंधन के हिसाब से लिया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई कुछ नए सदस्यों को जोड़ने के साथ-साथ सपोर्ट स्टाफ में बदलाव की योजना बना रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टीम इंडिया के फील्डिंग कोच टी. दिलीप, जो पिछले चार सालों से टीम के साथ जुड़े हुए हैं, अपनी जगह खो सकते हैं। बीसीसीआई टीम के सपोर्ट स्टाफ को अधिक प्रभावी और संतुलित बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे खिलाड़ियों को बेहतरीन मार्गदर्शन मिल सके। वहीं, गौतम गंभीर की कोचिंग टीम के मुख्य सदस्यों को बरकरार रखा जा सकता है। इनमें मोर्ने मोर्केल, रायन टेन डेस्काथे और अभिषेक नायर जैसे अनुभवी कोच शामिल हैं। इन कोचों के अनुभव और रणनीतिक समझ को देखते हुए बीसीसीआई उन्हें टीम का हिस्सा बनाए रखना चाहता है।
गौतम गंभीर हाल ही में भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किए गए हैं, और वह अपने हिसाब से सपोर्ट स्टाफ को पुनर्गठित करना चाहते हैं। बीसीसीआई का मानना है कि सपोर्ट स्टाफ में कुछ बदलाव करने से टीम की परफॉर्मेंस को और बेहतर किया जा सकता है। गंभीर अपने कार्यकाल में टीम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक संतुलित कोचिंग टीम बनाना चाहते हैं, जिसमें अनुभवी और युवा कोचों का सही मिश्रण हो।
बीसीसीआई के इस फैसले को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ का मानना है कि अगर टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है तो सपोर्ट स्टाफ में बदलाव की जरूरत नहीं है, जबकि कुछ इसे एक सकारात्मक कदम मान रहे हैं। गौतम गंभीर की आक्रामक और रणनीतिक सोच को देखते हुए यह माना जा रहा है कि उनकी टीम में वही सदस्य रहेंगे जो उनकी कार्यशैली से मेल खाते हैं।
भारत की हालिया सफलता में सपोर्ट स्टाफ की बड़ी भूमिका रही है, खासकर फिटनेस, फील्डिंग और मानसिक तैयारी के मामले में। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई किस तरह से नए बदलाव करता है और कौन से नए सदस्य टीम के सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा बनते हैं। बीसीसीआई के इस कदम से भारतीय क्रिकेट में एक नई दिशा तय हो सकती है, जो आने वाले टूर्नामेंट्स में टीम के प्रदर्शन पर भी असर डाल सकती है।
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