हरियाणा में 3 लेबर इंस्पेक्टर सस्पेंड
12 लाख फर्जी वर्क स्लिप वेरिफिकेशन का खुलासा....
श्रम मंत्री अनिल विज ने मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए DBT पेमेंट पर लगाई रोक, जांच के आदेश
हरियाणा में श्रम विभाग में बड़ा घोटाला सामने आया है। राज्य के तीन लेबर इंस्पेक्टरों को 12 लाख से अधिक फर्जी वर्क स्लिप वेरिफिकेशन में लिप्त पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया गया है। श्रम मंत्री अनिल विज ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) पेमेंट को तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, श्रम विभाग में विभिन्न निर्माण श्रमिकों और मजदूरों के लिए बनाई जाने वाली वर्क स्लिप्स की वेरिफिकेशन प्रक्रिया में भारी गड़बड़ी हुई है। जांच में सामने आया कि कई वर्क स्लिप्स पूरी तरह फर्जी तरीके से वेरिफाई की गई थीं। इन स्लिप्स के आधार पर मजदूरों के नाम पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाया जा रहा था, जबकि अधिकांश लाभार्थी अस्तित्व में ही नहीं थे।
श्रम मंत्री अनिल विज ने मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि इस प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पूरे मामले की गहन जांच की जाए। विज ने यह भी कहा कि जांच पूरी होने तक DBT पेमेंट पर रोक लगी रहेगी ताकि सरकारी धन की और हेराफेरी न हो सके।
इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। श्रमिक कल्याण योजनाओं के नाम पर फर्जीवाड़ा कर सरकारी धन का दुरुपयोग करने वालों पर अब बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। श्रम विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि संबंधित जिलों के सभी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और यदि और कोई कर्मचारी या अधिकारी इस गड़बड़ी में शामिल पाया गया तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की गड़बड़ियों से न केवल वास्तविक लाभार्थियों को उनका हक नहीं मिल पाता, बल्कि सरकार की योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं। श्रम मंत्री ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी है तो तुरंत विभाग को सूचित करें।
Comments are closed.