हरियाणा कांग्रेस में हुड्डा खेमा सबसे भारी
जिलाध्यक्ष पैनल में भाई-बेटों की भरमार, विपक्ष में भी गुटबाजी बरकरार
हरियाणा : में कांग्रेस संगठन की आंतरिक राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रदेश कांग्रेस की ओर से तैयार किए गए जिलाध्यक्षों के पैनल में हुड्डा गुट का वर्चस्व साफ तौर पर नजर आ रहा है। पैनल में शामिल अधिकांश नाम या तो हुड्डा खेमे से जुड़े हैं या फिर उनके करीबी नेताओं के रिश्तेदार हैं, जिनमें कई नेताओं के बेटे और भाई भी शामिल हैं।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश की 22 में से अधिकतर जिलों में भेजे गए नामों में पार्टी हाईकमान को यह साफ संदेश दिया गया है कि हुड्डा गुट ही संगठनात्मक पकड़ में सबसे मजबूत है। यह स्थिति तब है जब कांग्रेस हरियाणा में विपक्ष में है और सत्ता से दूर है। इसके बावजूद जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ वैसी ही देखी जा रही है, जैसी सत्ता के समय टिकट लेने के लिए मची रहती थी।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह घटनाक्रम पार्टी में आंतरिक गुटबाजी और शक्ति संतुलन की तस्वीर साफ करता है। एक तरफ हुड्डा खेमा लगातार संगठन पर पकड़ मजबूत करता जा रहा है, वहीं अन्य गुट खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इससे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी में अंतर्कलह और बढ़ सकती है।
जानकारी के अनुसार पैनल में ऐसे नामों को तरजीह दी गई है, जो भविष्य में चुनाव लड़ने के इच्छुक माने जा रहे हैं। ऐसे में जिलाध्यक्ष का पद स्थानीय राजनीतिक प्रभाव बनाने का जरिया बनता जा रहा है। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इससे नाराज़ भी हैं और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध बता रहे हैं। हालांकि, पार्टी के कुछ प्रवक्ताओं ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि चयन प्रक्रिया में सभी को समान अवसर दिया गया है और अंतिम फैसला आलाकमान द्वारा ही लिया जाएगा।
हरियाणा कांग्रेस में यह गतिविधि ऐसे समय हो रही है जब पार्टी लोकसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन के बाद अपने ढांचे को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। अब देखना होगा कि यह गुटबाजी पार्टी को आगे ले जाएगी या पीछे खींचेगी।
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