सांवलिया सेठ मंदिर में निकली रिकॉर्ड तोड़ चांदी
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सांवलिया सेठ मंदिर में निकली रिकॉर्ड चांदी

6 राउंड की गिनती में मिले ₹28 करोड़, 204 किलो चांदी और 1.4 किलो सोना…..

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चित्तौड़गढ़ जिले के मं‍दफ‍िया स्थित सांवलिया सेठ मंदिर से इस बार भंडारे की गिनती में ऐतिहासिक चढ़ावा निकला है। मंदिर प्रबंधन द्वारा 6 राउंड में की गई गणना में कुल 204 किलो चांदी, 1.4 किलो सोना और 28 करोड़ रुपये से अधिक की नगदी प्राप्त हुई। भक्तों की आस्था का यह प्रतीक मंदिर वर्षों से श्रद्धालुओं के विश्वास का केंद्र रहा है और इस बार के चढ़ावे ने भी यह साबित कर दिया कि लोगों की श्रद्धा सांवलिया सेठ में कितनी अटूट है।

यह भंडारा हर वर्ष निकाला जाता है, लेकिन इस बार की गिनती और आंकड़ों ने मंदिर ट्रस्ट को भी चौंका दिया है। 6 चरणों में हुई इस गिनती में कई कर्मचारी, अधिकारी और बैंक प्रतिनिधि शामिल रहे। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। हर थैली, हर सिक्का और हर गहना सावधानी से गिना गया। गिनती के दौरान मंदिर परिसर में विशेष सतर्कता बरती गई और पूरे आयोजन को पारदर्शी ढंग से अंजाम दिया गया।

श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आकर अपनी मनोकामनाएं पूरी होने के बाद भंडारे में दान देते हैं। कोई गहने चढ़ाता है, कोई नगद राशि तो कोई चांदी की परात या मूर्तियां। इस बार जो आंकड़े सामने आए हैं, वो आस्था की शक्ति को दर्शाते हैं। भले ही देश में आर्थिक असमानता और महंगाई बढ़ रही हो, लेकिन जब बात भगवान के भंडारे की आती है, तो लोग दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाते हैं।

ट्रस्ट के एक सदस्य ने बताया कि इस धन का उपयोग मंदिर के रखरखाव, सामाजिक कार्यों और ज़रूरतमंदों की सहायता में किया जाएगा। सांवलिया सेठ मंदिर कई सामाजिक पहल में सक्रिय रहता है, जिनमें स्कूल निर्माण, चिकित्सालय सहायता और आपदा राहत कार्य भी शामिल हैं। यह चढ़ावा न सिर्फ भक्तों की आस्था का प्रतीक है बल्कि सेवा भावना का एक उदाहरण भी है।

गिनती में मिली चांदी की मात्रा रिकॉर्ड स्तर पर है। अनुमान है कि यह चांदी मुख्य रूप से थालियों, छत्रों, कलशों और मूर्तियों के रूप में चढ़ाई गई होगी। वहीं, सोना भी आभूषण और सिक्कों के रूप में सामने आया है। नगदी में अधिकतर ₹10, ₹50 और ₹100 के नोट शामिल हैं।

इस ऐतिहासिक गिनती के बाद मंदिर प्रबंधन ने श्रद्धालुओं का आभार जताया और कहा कि यह सांवलिया सेठ की कृपा और भक्तों की निष्ठा का परिणाम है। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में मंदिर परिसर में सुविधाएं बढ़ाने और सामाजिक योजनाओं को और विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है।

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