विधायक ने CI को लगाई फटकार, बैठक में हुई तीखी नोकझोंक
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विधायक ने CI को फटकारा, तीखी नोकझोंक

कंपनी पक्ष में खड़े होने पर विधायक भड़के, बोले- दादागिरी बंद करो, CI ने दी सफाई….

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बाड़मेर राजस्थान के एक जिले में विधायक और थाना प्रभारी (CI) के बीच बुधवार को ज़ोरदार बहसबाज़ी देखने को मिली, जो अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है। पूरा मामला उस समय गरमाया जब एक निजी कंपनी के खिलाफ चल रहे विवाद में विधायक मौके पर पहुंचे और उन्हें यह लगा कि पुलिस कंपनी के पक्ष में खड़ी है। इसी बात पर विधायक का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सीआई को जमकर फटकार लगा दी।

घटना तब हुई जब स्थानीय ग्रामीण और एक निजी कंपनी के बीच किसी ज़मीन या सुविधा को लेकर विवाद चल रहा था। विधायक लोगों की समस्या सुनने मौके पर पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने देखा कि सीआई वहां कंपनी प्रतिनिधियों के साथ खड़े हैं, उनका पारा चढ़ गया। विधायक ने कहा, “आप कंपनी के साथ बैठे हो, ये क्या मजाक है? आपको जनता के साथ खड़ा होना चाहिए। ये कोई दादागिरी नहीं चलेगी। क्या आपको अपना दिमाग खराब लग रहा है?”

मौके पर मौजूद लोगों के सामने ही विधायक ने पुलिस अधिकारी को झाड़ दिया। उन्होंने खुले शब्दों में कहा कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं और जब कोई कंपनी आम लोगों को परेशान करती है, तो पुलिस को निष्पक्ष रहना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या पुलिस प्रशासन अब कंपनियों की तरफ से काम करने लगा है।

सीआई ने विधायक की बातों का जवाब देते हुए कहा, “हम किसी के पक्ष में नहीं हैं। हम केवल व्यवस्था बनाए रखने के लिए खड़े हैं। जो भी कानून के अनुसार होगा, वही किया जाएगा।” हालांकि, विधायक इस सफाई से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सीआई को चेतावनी देते हुए कहा कि वे इस मामले की शिकायत उच्च स्तर पर करेंगे।

इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसमें विधायक का गुस्सा साफ दिख रहा है। वीडियो में यह भी साफ सुनाई दे रहा है कि विधायक बार-बार सीआई को ‘दादागिरी बंद करने’ और ‘जनता की सेवा करने’ की नसीहत दे रहे हैं। कुछ लोग विधायक के रुख को सही ठहरा रहे हैं, वहीं कुछ का मानना है कि ऐसे मामलों में संवाद शालीन तरीके से होना चाहिए।

यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि सत्ता और प्रशासन के बीच तालमेल कितना ज़रूरी है। आम जनता उम्मीद करती है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि दोनों उनकी भलाई के लिए काम करें, न कि एक-दूसरे से टकराव में उलझें। विधायक और पुलिस अधिकारी दोनों की ओर से अब तक इस विवाद पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह घटना क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रही है।

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