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महाकुंभ से लौटने वाले साठ से सत्तर फीसदी श्रद्धालु हो रहे रोग्रस्त: डाॅ पुरोहित

मध्य और उत्तर भारत में मौसम का बदलाव, यात्रा से इन्फेक्षण इसके मुख्य कारक हैं

हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, *डॉ नरेश पुरोहित, आस्था एवं विश्वास के महाकुंभ में स्नान उपरांत श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य में हो रहे हैं बदलाव का अवलोकन करते हुए

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भोपाल:  कुंभ स्नान से लौट रहे सत्तर फीसदी से अधिक लोग अस्पताल व डॉक्टरों की शरण ले रहे हैं। लम्बी चलने वाली बलगम की खांसी ही नहीं स्वाद बदलने के साथ सुंघने की क्षमता के बदलाव भी लोगों को बेचैन किए हुए है ।
यह जानकारी महामारी रोग विशेषज्ञ एवं राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार डॉ नरेश पुरोहित ने देते हुए बताया कि यूं तो इसे मौसम का बदलाव माना जाता है पर कुंभ से लौट रहे अधिकाधिक लोग वापस आने पर बीमार पड़ रहे है। ट्रेवलिंग का इन्फेक्शन कहें या भीड़ का, वायरल के साथ अन्य बीमारियां भी कई लोगों को घेर रही है। एक अनुमान के मुताबिक साठ से सत्तर फीसदी लोग घर वापसी पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। नगर के शासकीय अस्पताल ही नहीं क्लिीनिक/निजी अस्पतालों तक ऐसे रोगी बहुतायात में पहुंच रहे है।

उन्होने बताया कि कुंभ स्नान करने गए लोग भीड़ से तो कैसे बचते। सोशल डिस्टेंस भी खत्म रहा है तो ट्रेवलिंग के दौरान इन्फेक्शन तेजी से फैल रहा है। लम्बी चलने वाली खांसी से भी लोग परेशान है, उन्हें डर है कि निमोनिया/टीबी जैसा रोग तो नहीं है। इनमें पेट दर्द उल्टी-दस्त वाले रोगी तो नाम मात्र के हैं। यह सही है कि स्वाद के साथ सूंघने की परेशानी भी सामने आई है। ठीक होने में समय ज्यादा लग रहा है। उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि इससे परेशान लोग प्रोपर डाइट के साथ ज्यादा लिक्चिड लें, खांसी को लेकर तनाव लेने की जरुरत नहीं l
बलगम वाली खांसी ज्यादा परेशान किए हुए है जो ठीक होने में दो हफ्ते से भी अधिक का समय ले रही है। इसके अलावा सिर दर्द बदन दर्द के साथ नाक से बहता पानी भी लोगों का हाल-बेहाल किए हुए है। बुजुर्ग ही नहीं जवान भी इससे अछूते नहीं है। शुगर/बीपी, हार्ट के रोगियों को इन्फेक्शन जल्दी पकड़ रहा है। कमजोर इम्यूनिटी वाले भी इसका जल्द शिकार हो रहे हैं।

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*डॉ नरेश पुरोहित- एमडी, डीएनबी , डीआई एच , एमएचए, एमआरसीपी (यूके) एक महामारी रोग विशेषज्ञ हैं। वे भारत के राष्ट्रीय संक्रामक रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सलाहकार हैं। मध्य प्रदेश एवं दूसरे प्रदेशों की सरकारी संस्थाओं में विजिटिंग प्रोफेसर हैं। राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण कार्यक्रम , राष्ट्रीय पर्यावरण एवं वायु प्रदूषण के संस्थान के सलाहकार हैं। एसोसिएशन ऑफ किडनी केयर स्ट्डीज एवं हॉस्पिटल प्रबंधन एसोसिएशन के भी सलाहकार हैं।

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